भिवानी | हरियाणा में एक ग्राम पंचायत ने लोगों को अदब में रहने का फरमान सुनाते हुए गांव में कच्छा पहनकर सरेआम घूमने पर रोक लगा दी है. सरपंच प्रतिनिधि ने गांव में मुनादी कराई है कि अब कोई भी नौजवान कच्छा, निक्कर में गलियों में घूमता मिला तो उस पर कार्रवाई होगी. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि जब युवा गांव में कच्छा, निक्कर पहनकर घूमते हैं तो बहन- बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है.
इस गांव की महिला सरपंच ने लिया फैसला
भिवानी जिले के गांव गुजरानी की महिला सरपंच प्रतिनिधि रेणु ने गांव में माहौल को बिगड़ने से बचाने के लिए कच्छे, निक्कर पहनकर गलियों में घूमने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि स्कूल व बैंक से लेकर कुएं व नलके की बात करें तो हर जगह पर युवा कच्छे, निक्कर में खड़े रहते हैं. महिलाएं भी पानी लेने कुएं व नलके पर आती है. ऐसे में उन्हें शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है. सामाजिक तौर पर ऐसे अच्छा नहीं लगता है.
इसलिए सुनाया ये आदेश
महिला सरपंच के ससुर सुरेश ने बताया कि उन्हें सबसे ज्यादा शर्मिंदगी तब महसूस होने लगी, जब लोग कच्छा या निक्कर पहनकर कागज पर मोहर लगवाने हमारे घर आने लगे. मेरी पुत्रवधू महिला सरपंच रेणु मात्र 35 साल की उम्र की है. ऐसे में लोगों को अदब के साथ आना चाहिए. घर में बहन- बेटियां सबके है, इसलिए यह आदेश सुनाना पड़ा.
उन्होंने बताया कि गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश को अनसुना करता है तो पहले उसके घर जाकर उसके परिजनों से बातचीत की जाएगी. अगर फिर भी कोई व्यक्ति नहीं मानता है तो पंचायत इस पर फैसला लेगी और उसे जुर्माना लगाएगी.
ग्रामीण साथ देंगे तो करेंगे लागू
सरपंच प्रतिनिधि ने कहा कि इस आदेश को पूरी तरह से लागू तभी किया जाएगा, जब पूरा गांव एकमत होकर इस फैसले पर अपनी सहमति प्रदान करेगा. इससे हमारा गांव दूसरे गांवों के लिए मिसाल कायम करेगा. वहीं, महिला सरपंच के इस आदेश की पूरे गांव ही नहीं, बल्कि आसपास के गांवों में भी चर्चा हो रही है.
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