कुरुक्षेत्र । प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालयों में प्रशासन से ग्रुप सी और डी की भर्तियां का अधिकार छीन लिया है. अब हरियाणा सरकार इन भर्तियों को हरियाणा स्टाफ सलेक्शन कमीशन के अधीन करेंगी. विवि प्रशासन के पास ग्रुप सी और डी की भर्तियां का अधिकार न रहने पर कर्मचारी संगठन इसे विवि की स्वायत्तता पर हमला मान रहे हैं.
सरकार के इस फैसले का विश्वविद्यालयों में अंदरखाने विरोध भी नजर आने लगा है. सर्व कर्मचारी संघ की ओर से 18 मार्च को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के शपथग्रहण समारोह में ही इस तरह के कर्मचारी विरोधी फैसलों को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया गया है.
साल भर में होनी थी, सैकड़ों कर्मचारियों की भर्तियां
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में साल 2021-22 में ग्रुप सी और डी के लिए सैकड़ों भर्तियां होनी थी. इनमें से बहुत सी भर्तियां तो कुवि के लिए राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की ओर से ग्रेडेशन के लिए किये जाने वाले सर्वे से पहले करने की योजना थी. यह सर्वे साल 2022 में मई जून में होना था.
विवि की स्वायत्तता पर हमला
सर्व कर्मचारी संघ के नेता रविंद्र तोमर ने कहा कि इससे विवि की स्वायत्तता खत्म हो जाएगी. संगठन की शुरु से ही यह मांग रही है कि विवि के सभी अधिकार कुलपति और कुलसचिव को दिए जाएं. सरकार की ओर से भर्तियां होने पर इनमें राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ जाएगा. इससे भर्ती प्रक्रिया तो लंबी होगी ही, साथ ही सरकारी संस्थाओं की मजबूती भी कमजोर होगी. सरकार का ये फैसला इनके अधिकारों की शक्तियों को छीनने का काम करेगा.आल हरियाणा यूनिवर्सिटी एम्प्लाइज फेडरेशन पहले से ही एचआरएमएस लागू करने का विरोध जता रही है. एचआरएमएस लागू होने पर कर्मचारी के उपर हमेशा ट्रांसफर का खतरा मंडराता रहेगा.
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