चंडीगढ़ | हरियाणा में करीब 59 हजार पदों की नौकरी पर बड़ा घमासान बचा हुआ है. इनमें ग्रुप- सी के 31,795 व ग्रुप- डी के 13,700, कांस्टेबल के 6 हजार और टीजीटी के 7,541 पद शामिल है. अब तक कुल 24,200 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी हो गई है. इनमें ग्रुप- सी के 12,700 और ग्रुप- डी के 11,500 पद शामिल हैं. अब 5 अंकों क़े कारण भर्तियां प्रभावित हो रही है. वहीं, सरकार की तरफ से दावा किया जा रहा है कि 3 माह में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे पुनर्विचार याचिका
ग्रुप-डी का 11,500 पदों का परिणाम बिना 5 अंकों के दिया गया तो ग्रुप-सी के 12,700 पदों के लिए उन सभी युवाओं की मौका दिया गया, जिन्होंने इससे संबंधित 20 ग्रुपों में आवेदन किया था. विशेषज्ञ भी कहते हैं कि ग्रुप-डी के 11,500 पदों पर भर्ती युवाओं की नौकरी पर खतरा नहीं है. जबकि ग्रुप-सी के 12,700 युवाओं की नौकरी के लिए न सिर्फ सरकार, बल्कि चयनित अभ्यर्थी भी हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे. ग्रुप-सी के बाकी बचे पदों के लिए कमीशन ने बिना 5 अंक जोड़े सीईटी का संशोधित परिणाम जारी कर दिया है.
इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी. दूसरी तरफ, टीजीटी भर्ती पर 5 अंकों का कोई प्रभाव नहीं है. एचटेट के एक मामले में स्टे है. जैसे ही यह हटेगा परिणाम जारी होगा.
फिर से होगी ग्रुप नंबर 56, 57, 1, 2 की परीक्षा
ग्रुप-सी के ग्रुप- 56 व 57 और 1 व 2 की परीक्षा सीईटी क्यालिफाइंग नंबरों में सामाजिक- आर्थिक आधार के 5 अंक देकर तय की गई मेरिट के आधार पर ली गई थी. ऐसे में चारों ग्रुपों की परीक्षा फिर से आयोजित करनी होगी. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के अध्यक्ष हिम्मत सिंह का कहना है कि हाईकोर्ट के आदेशों की पालना करने के लिए छह महीने का समय है.
ग्रुप-डी में चयनित उम्मीदवार सेफ
जो भर्तियों कम समय में पूरी हो सकती हैं, उन्हें पहले पूरा किया जाएगा. बाकी हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन भी दाखिल करेंगे. ग्रुप डी के चयनित कर्मचारियों को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल ने कहा कि ग्रुप-डी में चयनित उम्मीदवार सेफ हैं. वहीं, ग्रुप-सी के जिन 20 ग्रुपों में चयन हुआ है उसमें 5 अंकों का कोई मामला नहीं है. उन्होंने बताया कि एक हजार चयनितों ने उनसे संपर्क किया है, इसलिए रिव्यू पिटीशन दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि तर्क भी दिए जाएंगे.
इसमें पहला तर्क होगा कि इन अभ्यर्थियों को 5 अंकों का फायदा नहीं मिला है. वहीं, दूसरा होगा कि कोर्ट में जो भी याचिकाएं दाखिल हुई उनमें इन ग्रुपों की भर्ती को चैलेंज ही नहीं किया. तीसरा, कोर्ट की ओर से इन चयनितों को सुनवाई का मौका नहीं मिला, इसके लिए इन्हें कभी नोटिस ही जारी नहीं किया गया.
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