चंडीगढ़ | हरियाणा सरकार (Haryana Govt) द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन से पिछले काफी समय से अलग विधानसभा के लिए जमीन की मांग की जा रही है. प्रदेश सरकार जमीन के लिए 500 करोड रुपए की राशि देने के लिए तैयार थी, लेकिन मार्केट रेट के अनुसार जमीन की कीमत 600 करोड रुपए बन रही थी. इन सब के बाद चंडीगढ़ और हरियाणा प्रशासन द्वारा जमीन के बदले जमीन देने का फैसला हुआ. प्रदेश सरकार द्वारा पंचकूला में 10 एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया गया, लेकिन वहां इको सेंसेटिव जोन होने के चलते यह मामला फिर खटाई में पड़ गया.
जल्द जारी की जाएगी अधिसूचना
2 महीने पहले प्रदेश सरकार द्वारा इसके लिए केंद्र के पर्यावरण वन एवं वन्य जीव मंत्रालय को बदलाव करने की सिफारिश की गई थी. चंडीगढ़ के डीसी विनय प्रताप सिंह के नेतृत्व में गठित कमेटी द्वारा कई बार प्रशासन से इस बारे में बातचीत भी की गई थी. अब जल्दी ही केंद्र सरकार की तरफ से इसके लिए अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी.
वर्तमान बिल्डिंग में नहीं है 90 विधायकों के बैठने की जगह
फिलहाल, हरियाणा विधानसभा में 90 विधायकों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह भी नहीं है. इस विधानसभा का विस्तार भी संभव नहीं है, क्योंकि यह पुरानी बिल्डिंग है. वहीं, दूसरी तरफ साल 2026 में हरियाणा में नया परिसीमन होना है. तब जनसंख्या के अनुसार, करीब 126 विधायक हो सकते हैं. इसी कारण नई विधानसभा की जरूरत महसूस हो रही है.
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