नई दिल्ल्ली | हरियाणा सहित देशभर में 1 जुलाई यानि आज से 3 नए आपराधिक कानूनों (Three New Criminal Laws) लागू हो गए हैं. इसके लिए 20 हजार से अधिक पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया है और साथ ही वर्चुअल कोर्ट के लिए जेलों और न्यायालय परिसरों में 149 वीडियो कान्फ्रेंसिंग सिस्टम स्थापित किए गए हैं. इसके तहत, गंभीर अपराधों में सजा काट रहे कैदियों की अब वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेशी कराई जाएगी. नए कानूनों को लेकर न्यायपालिका, पुलिस और अभियोजन विभाग के अधिकारियों को व्यापक प्रशिक्षण दिया गया है.
न्याय पर होगा फोकस- DGP
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने बताया कि नए कानूनों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए सभी थानों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. नए कानूनों में दंड की बजाय न्याय पर फोकस किया गया है. यह कानून व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं और मानव अधिकारों के मूल्यों के अनुरूप हैं.
नए कानूनों की विशेषताएं
आज से लागू हुए नए कानूनों के तहत जीरो FIR से कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकेगा. भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ है. मॉब लिंचिंग यानि 5 या इससे अधिक व्यक्ति मिलकर जाति या समुदाय के आधार पर किसी की हत्या करते हैं तो सभी को उम्रकैद की सजा होगी. नाबालिग से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जाएगी. सामूहिक दुष्कर्म के मामलों में 20 साल की कैद या उम्रकैद का फैसला सुनाया जाएगा.
60 दिन में तय होंगे आरोप
आपराधिक मामलों में फैसला मुकद्दमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा. पहली सुनवाई के 60 दिन के अंदर आरोप तय किए जाएंगे. दुष्कर्म पीड़िता का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी.
किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध होगा. गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार रहेगा. देश को नुकसान पहुंचाने के लिए डायनामाइट या जहरीली गैस जैसे खतरनाक पदार्थों का इस्तेमाल करने वालों को आतंकवादी माना जाएगा. पाकेटमारी जैसे छोटे संगठित अपराधों पर भी नकेल कसी जाएगी.
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