चंडीगढ़ | हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से ग्रुप नंबर 1, 2, 56, 57 के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी. आयोग द्वारा ग्रुप 1, 2, 56, 57 में शामिल पदों की संख्या के अनुपात में कैटेगरी अनुसार चार गुना उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाना है. इन पदों पर आवेदन भेजने के लिए 10 जुलाई 2024 तक का वक्त दिया गया था. =हजारों उम्मीदवारों का कहना है कि चार गुना उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट करने के लिए आयोग को उम्मीदवारों के उन दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए, जो उम्मीदवारों ने संबंधित पद के लिए मांगी गई पात्रता अनुसार अपलोड किए हैं.
पिछली बार आयोग ने ग्रुप नंबर 56, 57 के लिए सिर्फ उम्मीदवारों के दावे अनुसार शॉर्टलिस्टिंग कर ली थी. तब सामाजिक- आर्थिक मानदंड के अंक भी दावे के अनुसार ही दिए गए थे. हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आयोग से कहा था कि अंक देने से पहले वेरीफिकेशन अनिवार्य है, जिसके लिए आयोग ने इंकार कर दिया था. तब खंडपीठ ने सीईटी स्कोर रिजल्ट को रद्द कर दिया था. अपील में जब सिंगल बेंच के आदेश पर स्टे लगी और ग्रुपों के पेपर लेने की आज्ञा दी, तो आयोग ने पात्रता की जांच के लिए दस्तावेजों की जांच किए बिना चार गुना शॉर्टलिस्ट कर लिए.
सही उम्मीदवार परीक्षा में शामिल होने से हो जाएगा वंचित
हालांकि इस बार आयोग को दस्तावेज जांचने में ज्यादा समस्या नहीं आएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि हर पद के विरुद्ध संबंधित पात्रता दस्तावेज अपलोड कराए गए है. उम्मीदवारों ने कहा कि यदि बिना दस्तावेज जांच के केवल सीईटी अंकों के आधार पर कैटेगरी अनुसार उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट कर लिए गए और बाद में किसी के दस्तावेज सही नहीं निकले तब उस उम्मीदवार का हक मारा जाएगा, जो चार गुना शॉर्टलिस्टिंग में शामिल हो सकता था. उम्मीदवारों का कहना है कि कुछ ने पात्रता दस्तावेजों के स्थान पर खाली पेपर अपलोड किए हुए है.
लिस्ट को अदालत में दी जा सकती है चुनौती
यदि सीईटी मेरिट आधार पर ऐसे उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया, तो वे एक प्रकार से अयोग्य होंगे पर चार गुना में पेपर दे चुके होंगे और मेरिट में असली पात्र उम्मीदवार चार गुना में शामिल होकर मुख्य परीक्षा देने से वंचित रह जाएगा. कुछ उम्मीदवारों की तरफ से यह भी बताया कि यदि बिना दस्तावेज जांच के शॉर्टलिस्ट किए गए, तो वे अदालत में उस लिस्ट को चुनौती देंगे.
रिजर्व कैटेगरी में होगी संभावित कट ऑफ
हरियाणा सरकार ने सीईटी नीति में चार गुना शॉर्टलिस्ट करने का फॉर्मूला पदों में कैटेगरी अनुसार दिया हुआ है. पिछली बार आयोग ने ग्रुप का चार गुना शॉर्टलिस्ट किए थे, जिसे पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने गलत कहा था. अब आयोग सीईटी पॉलिसी के अनुसार ही उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करेगा. कुछ उम्मीदवारों का कहना है कि यदि कैटेगरी अनुसार, शॉर्टलिस्ट किया गया तो रिजर्व कैटेगरी में पदों की संख्या कम होने के कारण कट ऑफ जनरल से ज्यादा जाने की संभावना है.
फिर से अदालत में जा सकता है मामला
उदाहरण के तौर पर बताया कि अगर अनारक्षित (जनरल) के 20 पद है, तो 80 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट होने हैं. बीसीए के पद 5 हैं तो 20 उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट होने हैं. जनरल में कट ऑफ 65 जा सकती है और बीसीए में यह कट ऑफ 68 तक हो सकती है. ऐसी स्थिति में मामला फिर अदालत में ले जाया जा सकता है. पिछली बार आयोग ने एक लिस्ट अपलोड की थी, जिसमें आरक्षित कैटेगरी की कट ऑफ ज्यादा थी जबकि जनरल की कम थी. तब आयोग ने जनरल की कट ऑफ से ऊपर के सभी उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट कर लिया था.
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