चंडीगढ़ | हरियाणा में इसी साल मार्च महीने में BJP- JJP गठबंधन टूटने के बाद मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) को CM पद की कुर्सी से हटा दिया गया था और उनकी जगह पर नायब सैनी (Nayab Saini) को सूबे का नया मुख्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद, लोकसभा चुनाव हुए जिसमें भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. पिछले लोकसभा चुनावों में सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को इस बार 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा.
अब इसी साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर नायब सैनी सरकार हर वर्ग को रिझाने के लिए कई बड़ी घोषणाएं कर रही है. इसके तहत, प्रदेश सरकार तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा लिए गए फैसलों पर यू- टर्न लेने से भी पीछे नहीं हट रही है. सरकार विधानसभा चुनाव को लेकर किसी भी वर्ग की नाराजगी को मोल नहीं लेना चाहती है. इसी कड़ी में अब सरपंचों से जुड़े एक फैसले को भी सरकार ने वापस ले लिया है.
सरपंचों की एक और मांग पूरी
सीएम नायब सिंह सैनी ने पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का फैसला बदलते हुए सरपंचों को बिना ई- टेंडर 21 लाख तक के विकास कार्य कराने की छूट दी थी. हालांकि, 50% फंड ही बिना ई- टेंडर के खर्च करने की शर्त से सरपंच नाराज थे, लेकिन अब उसे भी हटा दिया गया है. अब अगर किसी ग्राम पंचायत का फंड 30 लाख रुपए है, तो सरपंच 21 लाख रुपए के काम बिना ई- टेंडर करा सकेंगे.
संशोधित आदेश जारी
सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर समैण ने मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया है. साथ ही, कहा है कि अभी भी सरपंचों की कुछ और मांगे हैं, जिन्हें पूरा करने पर सरकार जल्द विचार करें. वहीं, विभाग के आयुक्त अमित अग्रवाल ने शर्त वापस लेने के संशोधित आदेश जारी कर दिए हैं.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!