फरीदाबाद | खरीफ सीजन के दौरान हरियाणा में कपास और धान की फसल की खेती ज्यादा होती है. वहीं, अच्छे मानसून का पूर्वानुमान हो तो प्रदेशही नहीं बल्कि कई राज्यों में बड़े स्तर पर धान की खेती होती है. अगर कुछ बातों पर शुरू से ही गौर फ़रमाया जाएं तो धान एक अच्छा- खासा मुनाफा देने वाली फसल है.
बीज का सही चयन सबसे जरूरी
धान की खेती की शुरुआत नर्सरी से होती है. इसलिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना बेहद जरूरी हो जाता है. कई बार किसान महंगा बीज-खाद तो लगाते हैं, लेकिन सही उपज नहीं मिल पाती है, इसलिए बुवाई से पहले बीज व खेत का उपचार बेहद आवश्यक होता है. महंगें रेट का बीज होना जरूरी नहीं होता है, बल्कि विश्वसनीय और आपके क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के मुताबिक बीज का चयन अनिवार्य हो जाता है.
जिले के गांव सागरपुर से किसान ने बताया कि धान की फसल करने के लिए सबसे पहले खेत में रोपाई की जाती है. फिर बाजार से धान का बीज लाया जाता है और खेतों में बीज से पौध तैयार कर बुवाई की जाती है. इसमें पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि यदि सही समय पर उचित सिंचाई न हो तो इससे फसल उत्पादन प्रभावित हो सकता है. किसान ने बताया कि हमने धान की 1121 और 1718 किस्म की खेती की है.
वहीं, लागत की बात करें तो बीज- खाद, कीटनाशक दवाइयां आदि मिलाकर एक एकड़ में 20 हजार रूपए तक खर्च आ जाता है. यदि फसल उत्पादन और बाजार भाव अच्छा मिल जाए तो प्रति एकड़ 50 हजार रूपए तक बचत हो जाती है.
बारिश होते की करें बुवाई
उन्होंने बताया कि धान की फसल के लिए मई की शुरुआत से किसानों को खेती की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए, ताकि मानसून आते ही धान की रोपाई कर दें. यह अक्टूबर महीने में पककर तैयार हो जाती है.
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