चंडीगढ़ | बुधवार सुबह पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत की नजदीक की खबरें सोशल मीडिया पर छाई रहीं. ऐसी जानकारियां सामने आईं कि वह सरकार से नाराज चल रहे हैं और वीरवार को कोई भी बड़ा फैसला ले सकते हैं. रातों- रात BJP सरकार की इस खबर ने नींद उड़ा दी, लेकिन अब मुख्यमंत्री सैनी के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार देर रात वह मान गए.
विधानसभा अध्यक्ष को दी गई मनाने की ड्यूटी
बता दें कि सैनी सरकार के अफसरों से खफा निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने कड़े फैसले लेने के बारे में संकेत दिए थे. भाजपा नेताओं के पास इन खबरों के पहुंचने के बाद से ही पार्टी ने उन्हें मनाने की कोशिशें शुरू कर दी. विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को उन्हें मनाने की ड्यूटी दी गई. उन्होंने रावत से बात की और उन्हें लेकर मुख्यमंत्री हाउस पहुंचे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने रावत से बातचीत की और आश्वासन दिया कि उनका कोई भी काम नहीं रुकेगा.
बीजेपी सरकार की बढ़ सकती थीं मुश्किलें
मुलाकात के बाद रावत ने कहा कि वह शुरू से ही भाजपा के साथ है और आखिरी तक उनका बीजेपी को ही समर्थन रहेगा, लेकिन अधिकारियों की कार्य प्रणाली से उन्हें परेशानी हो रही थी. इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें इस मामले को निजी तौर पर देखने का आश्वासन दिया. बता दें कि यदि रावत सरकार से समर्थन वापस ले लेते, तो बीजेपी सरकार के लिए परेशानियां बढ़ सकती थी. ऐसे में सैनी सरकार अल्पमत में चली जाती. बीजेपी को वर्तमान में बहुमत के लिए 44 विधायकों की जरूरत है.
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