चंडीगढ़ | हरियाणा में किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. प्रदेश सरकार द्वारा साल 2024- 25 के दौरान आरकेवीवाई स्कीम के तहत फसल अवशेष प्रबंधन (CRM) पर 65% क्रेडिट लिंक अनुदान हेतु उद्योगों, किसान, किसान समूह, ग्रामीण उद्यमी, किसानों की सहकारी समिति, एफपीओ तथा पंचायत से फसल अवशेष, पैडी स्ट्रा सप्लाई के लिए 4 अगस्त तक विभागीय पोर्टल agriharyana.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए है.
इन कृषि यंत्रों पर सब्सिडी
यह जानकारी देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक कृषि अभियंता ने बताया कि प्रोजेक्ट कीमत में शामिल विभिन्न मशीनों (1 करोड़ एवं 1.5 करोड़ तक) रोटरी स्लेशर, टेडर मशीन, रैक, ट्रैक्टर (75 एचपी एवं ऊपर), बेलर (200- 300 किलो आयताकार या गोल), ट्रैक्टर (50 एचपी ट्रेडर एवं रेक के लिए), ट्राली, (ऑटोमेटिक बेल लोडिंग, ट्रॉली, अटैचमेंट स्टेकिंग, टेल हैडलर, माऊशचर मीटर, वाटर टैंक (5000 लीटर), अग्निशामक, लाइटिंग अरेस्टर आदि शामिल हैं, जिनकी कीमत पर 65 प्रतिशत क्रेडिट लिंक अनुदान राशि उपलब्ध करवाई जाएगी.
दो तरह के विकल्प
उन्होंने बताया कि 1 करोड़ के प्रोजेक्ट कीमत हेतू 3,000 मीट्रिक टन तथा 1.5 करोड़ के प्रोजेक्ट कीमत हेतु 4,500 मीट्रिक पैडी स्ट्रा का प्रावधान एक सीजन में करना अनिवार्य होगा. प्रोजेक्ट कीमत हेतु 2 तरह के विकल्प उपलब्ध होगें. पहला किसान, किसान समूह ग्रामीण उद्यमी, सहकारी समिति किसान एफपीओ, पंचायत उद्योग के साथ मिलकर द्विपक्षीय समझौता करेंगे, जिनमें 25 प्रतिशत उद्योग, 10 प्रतिशत लाभार्थी तथा 65 प्रतिशत सरकारी अनुदान उपलब्ध होगा.
वहीं, दूसरे विकल्प के तौर पर किसान, किसान समूह, ग्रामीण उद्यमी, सहकारी किसान समिति, एफपीओ, पंचायते खुद कर सकती हैं, जिसमें उनको पोर्टल पर सीधे अप्लाई करना होगा, 35 प्रतिशत प्रोजेक्ट कीमत का भुगतान करना होगा तथा 65 प्रतिशत अनुदान राशि क्रेडिट लिंक द्वारा उपलब्ध होगी. अनुदान राशि केवल प्रोजेक्ट कीमत में शामिल मशीनों पर उपलब्ध होगी. अन्य सभी प्रकार के खर्चे स्वयं वहन करने होगें.
इन प्रोजेक्ट्स को वरीयता
लाभार्थी के चयन हेतु जिला स्तरीय कार्यकारी कमेटी द्वारा आवेदन पत्रों की छटाई की जाएगी तथा अनुमोदन हेतु राज्य स्तरीय अनुमोदन कमेटी को भेजी जाएगी. उन प्रोजेक्ट को वरीयता दी जाएगी, जिनका उद्योग के साथ एग्रीमेंट होगा, 100 प्रतिशत पैडी स्ट्रा उद्योग तथा पिछले 2 सालों का पैडी फसल अवशेष खरीदने का अनुभव होगा.
वहीं, अनुदान राशि का 50 प्रतिशत अग्रीम भुगतान बैंक के माध्यम से किया जाएगा तथा शेष 50 प्रतिशत अनुदान राशि भौतिक सत्यापन उपरांत दी जाएगी. प्रति वर्ष प्रोजेक्ट कीमत में उपलब्ध मशीनों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा.
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