कुरुक्षेत्र | मनु भाकर के मेडल जीतने के बाद एक और भारतीय शूटर रमिता जिंदल आज दोपहर 1 बजे पेरिस ओलंपिक के फाइनल में अपना दम- खम दिखाती नजर आएंगी. हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के लाडवा की रहने वाली 20 वर्षीय रमिता रविवार को हुए क्वालीफिकेशन राउंड में 631.5 अंकों के साथ पांचवा स्थान पर रहीं. आज वह 10 मीटर राइफल इवेंट का फाइनल मैच खेलेंगी.
8 साल से शुरू की थी प्रैक्टिस
रमिता को पहचान साल 2022 में हुए एशियाई खेलों में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद मिली. 16 जनवरी 2004 को लाडवा में जिंदल परिवार में जन्म लेने वाली रमिता दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज की छात्रा रही हैं. उनके पिता अरविंद जिंदल टैक्स एडवाइजर हैं. 8 साल की छोटी सी उम्र में उन्होंने शूटिंग की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. पिता अरविंद बेटी को कुरुक्षेत्र के करण शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस के लिए ले गए. यहीं से उनका रुझान शूटिंग की तरफ बढ़ गया. स्कूल से आने के बाद वह प्रैक्टिस के लिए करण शूटिंग रेंज जाने लगी.
2018 को मिली पहली सफलता
साल 2018 में हुए राष्ट्रीय चैंपियनशिप में उन्होंने टॉप टेन में जगह बनाई. 2020 में उन्होंने नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में भी मेडल जीता. इसके बाद उन्हें भारतीय शूटर के रूप में पहचान मिली. साल 2023 में बाकू में आयोजित हुई विश्व चैंपियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड मेडल झटका. इसके बाद, पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए उनका टिकट पक्का हो गया.
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