मनु भाकर का ये नाम रखने की वजह का दादी ने किया खुलासा, रानी लक्ष्मीबाई से प्रभावित होकर किया था नामकरण

झज्जर | पेरिस में आयोजित हो रहे ओलंपिक में हरियाणा की बेटी मनु भाकर (Manu Bhakar) ने 2 मेडल जीतकर प्रदेश और देश का नाम विश्व में चमका दिया है. ऐसा करने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी बनी. इस उपलब्धि पर देश के साथ- साथ मनु का पूरा परिवार, रिश्तेदार और पड़ोसी काफी उत्साहित और खुश नजर आ रहे हैं.

manu bhaker

मनु की दादी दयाकौर ने बताया कि उन्होंने रानी झांसी के बारे में खूब सुना है. उनका बचपन का नाम भी मनु था. इसी से प्रभावित होकर उन्होंने खुद ही अपनी पोती का नाम मनु रखा था. पोती के जन्म पर उन्होंने देसी घी का हलवा बनाकर पड़ोसियों में बांटा था. वतन वापसी पर जब मनु अपने पैतृक गांव लौटेगी, तब भी वह देसी घी के लड्डू बांटेगी.

गोरिया गांव को मिली अलग पहचान

मनु का परिवार बेटी की इस उपलब्धि पर काफी खुश नजर आ रहा है. मनु के सबसे बड़े ताऊ प्रताप शास्त्री ने बताया कि वह हमेशा ही देश को गौरवांवित करती आई है. पदक जीतकर उसने न केवल परिवार, बल्कि गांव का नाम रोशन किया है. हमारे गोरिया गांव को आज बेटी के कारण एक अलग पहचान मिली है.

मनु के जैसे और बच्चे हो रहे तैयार

वहीं, ताऊ बलजीत सिंह ने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही काफी प्रतिभावान रही है. उसने नेशनल स्तर की ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में भी भाग लिया है. वह कहते हैं कि जब भी मनु को देखने का मन करता है, तो वह उसकी बचपन की फोटो देख लेते हैं. चाचा महेंद्र बताते हैं कि मनु के डबल मेडल जीतने पर उन्हें डबल खुशी महसूस हो रही है.

यूनिवर्सल स्कूल में मनु के जैसे ही और बच्चों को भी तैयार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में वह भी देश के लिए पदक लाएं. मनु की ताई निर्मला बताती है कि मनु को बचपन से ही बाजरे की रोटी, लाल मिर्च और दही पसंद है. जब भी वह अपने गांव आती है तो बाजरे की रोटी, दही और लाल मिर्च बड़े चाव से खाती हैं.

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