हिसार | सरकार द्वारा हर साल लाखों- करोड़ों का बजट शिक्षा पर खर्च किया जाता है. फिर भी गाहे- बगाहे ऐसी जानकारियां सामने आती हैं कि अमुक स्कूल में किसी व्यवस्था की कमी है, लेकिन हरियाणा के हिसार जिले में मंगाली गांव स्थित काजल जोहड़ी राजकीय प्राइमरी स्कूल सारे सिस्टम पर ही सवालिया निशान उठा रहा है. यहां सरकारी स्कूल में एक विद्यार्थी पर दो टीचर तैनात है. स्कूल में एक चौकीदार और एक कुक भी कार्यरत है.
सुनसान एरिया में स्थित है स्कूल
शहर से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ये स्कूल सुनसान एरिया में है. इसकी बिल्डिंग भी जर्जर अवस्था में है. वहीं, टॉयलेट में पानी की व्यवस्था तक नहीं है. इतना ही नहीं, स्कूल जाने के लिए एक टूटे से रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. जब भी नया शिक्षा सत्र शुरू होता है, तो विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए काफी योजनाएं चलाई जाती हैं. प्रवेश उत्सव भी मनाए जाते हैं, लेकिन इन सबके बावजूद इस स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या पर मानों ब्रेक लग गए हों.
साल 1996 में खुला था स्कूल
साल 1996 में यह प्राइमरी स्कूल खुला था. उस समय इस गांव और आसपास की ढाणियों के 5वी कक्षा तक के बच्चे यहां पढ़ते थे. पिछले साल तक यहां चार बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन अबकी बार मात्र एक बच्चे ने ही चौथी कक्षा में दाखिला लिया है. स्कूल की अलमारियां, गेट और चारदीवारी भी कहीं- कहीं टूटी हुई हैं. स्कूल को पीछे की तरफ से झाड़ियां ने घेर रखा है.
2 शिक्षकों की हुई थी नियुक्ति
बता दें कि 20 दिन पहले ही शिक्षा विभाग द्वारा यहां 2 महिला टीचरों की नियुक्ति की गई है. उन्होंने बताया कि जब हमने यहां ड्यूटी ज्वाइन की थी, तब यहां एक विद्यार्थी पढ़ रहा था. स्कूल में ब्लैक बोर्ड के लिए चॉक और पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है. सुनसान एरिया में स्थित इस स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था भी नहीं है. स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी है. इस स्कूल में ढाणियों का ही एक परिवार रह रहा है.
समय बीतने के साथ कम हुए विद्यार्थी
गांव की ढाणी के निवासी कृष्ण ने बताया कि यहाँ के प्राइमरी स्कूल में पहले ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते थे. अध्यापकों के समय पर न आने के कारण अभिभावकों ने इन बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेज दिया. स्थानीय निवासी रामस्वरूप बताते हैं कि काफी समय पहले इस स्कूल की स्थापना हुई थी. समय बीतने के बाद से यहां बच्चों की संख्या कम होती रही.
निदेशालय को भेजी गई रिपोर्ट- जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी
इस विषय में जानकारी देते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी निर्मल दहिया बताते हैं कि इस स्कूल में टॉयलेट पानी रैंप की व्यवस्था आदि की रिपोर्ट निदेशालय को भेजी जा चुकी है. अगर ऐसा कोई स्कूल है, जिसमें केवल एक ही विद्यार्थी का दाखिला है तो उसकी रिपोर्ट भी हिसार प्रथम से ली जाएगी. उसके बाद, उच्च अधिकारियों से इस विषय में बातचीत कर कोई फैसला लिया जाएगा.
स्कूल का किया जाएगा रिव्यू- BEO
वहीं, BEO हिसार प्रथम, विजेंद्र का कहना है कि 30 अगस्त तक हम स्कूल की मॉनिटरिंग का काम कर रहे हैं. उसके बाद, रिव्यू करवाया जाएगा. विद्यालय से संबंधित रिपोर्ट हर 15 दिन में अधिकारियों को भेजी जा रही है. निदेशालय की तरफ से आदेश दिए गए हैं कि यदि स्कूल में एक भी विद्यार्थी पढ़ रहा है, तो वहां शिक्षक की तैनाती होनी चाहिए.
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