चंडीगढ़ | हरियाणा में अब सरकारी कर्मचारियों को 58 साल की उम्र होते ही सरकारी मकान को छोड़ना होगा. दरअसल, हरियाणा सरकार (Haryana Govt) के संज्ञान में काफी संख्या में कर्मचारियों के सेवानिवृत होने के बावजूद सरकारी मकान नहीं छोड़े जाने संबंधित खबरें आ रही थीं. अब चंडीगढ़ और पंचकूला में यदि किसी पति- पत्नी के नाम पर मकान दर्ज है तो ऐसे कर्मचारियों को भी सरकारी आवास नहीं दिया जाएगा.
नहीं करते सरकारी आवास खाली
इस विषय में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने प्रशासनिक सचिवों, विभाग अध्यक्षों, मंडल आयुक्तों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार और उपायुक्तों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार के संज्ञान में ऐसी बातें आई हैं कि कुछ सरकारी कर्मचारियों द्वारा सेवानिवृत्त होने या तबादला हो जाने के बाद सरकारी आवास खाली नहीं किया जा रहा. किसी- न- किसी बहाने को लगाकर और नियमों को ताक पर रख कर सरकारी आवास अपने पास रखा जा रहा है. इसके अलावा, चंडीगढ़ और पंचकूला में कुछ लोग अपने पति- पत्नी के नाम पर घर होने के बावजूद सरकारी आवास लेकर रखते हैं.
ऐसे लोगों को नहीं मिलेगा सरकारी आवास
ऐसी बातें भी संज्ञान में आई जहां कुछ आवंटियों द्वारा 58 वर्ष की आयु हो जाने के बाद सरकारी आवास को बरकरार रखते हुए यह दावा किया गया कि उनके रिटायर होने की उम्र 65 वर्ष है. ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 21 नवंबर 2016, 6 जुलाई 2017 और 1 सितंबर 2021 को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचनाओं को दबा दिया गया है.
अब सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे मामले मिलने पर सरकारी आवास को बनाए रखने के लिए हरियाणा सिविल सेवा अधिनियम 2016 में किसी प्रकार की कोई रियायत नहीं दी जाएगी. अगर दंपति में से किसी भी एक के नाम पर ट्राई सिटी में कोई मकान है, तो ऐसे कर्मचारियों को भी सरकारी आवास नहीं दिया जाएगा.
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