चंडीगढ़, HSSC | हरियाणा सरकार की कॉमन एलिबिजिलिटी टेस्ट (CET) पॉलिसी की वजह से ग्रुप सी पदों की भर्तियों में अच्छे अंक लेने के बाद भी हजारों उम्मीदवार नॉलेज (स्क्रीनिंग) टेस्ट देने से वंचित हो चूके है. सीईटी पॉलिसी में प्रावधान है कि पदों और कैटेगरी का चार गुना उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट होंगे, लेकिन इस नीति को हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने लागू किया तो एक पदनाम, एक समान योग्यता वाले पदों की संख्या से चार गुना उम्मीदवार शॉर्टलिस्ट नहीं हो पाए हैं.
नहीं हुआ समस्या का समाधान
इससे हजारों उम्मीदवार चिंता में है. हजारों उम्मीदवारों ने एक अख़बार दैनिक सवेरा के पास मैसेज भेजकर आग्रह किया है कि में उनका मुद्दा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के संज्ञान में लाया जाए. इन परेशान उम्मीदवारों ने बताया कि उन्होंने अपनी गुहार मुख्यमंत्री से लेकर आयोग तक लगाई है पर उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. ऐसे में वे अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की तरफ जा रहें है.
उनकी मांग है कि जैसे जूनियर इंजीनियर सिविल या जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिक या पटवारी या क्लर्क या अन्य एक जैसे पदनाम वाले पद हैं, उनकी संख्या जोड़कर कैटेगरी अनुसार उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाना चाहिए.
ये उम्मीदवार हुए शॉर्टलिस्ट
इससे ज्यादा उम्मीदवार नॉलेज टेस्ट में भाग ले पायेंगे, अन्यथा अभी तक आयोग ने जो शॉर्टलिस्ट जारी की है. उसके अनुसार, जितने पद हैं, लगभग उन संख्या के बराबर या उससे थोड़ा ज्यादा उम्मीदवार ही शॉर्टलिस्ट हुए हैं और एक- एक उम्मीदवार कई कई पदों लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है. ऐसा कर सीईटी में प्राप्त अंक ही नॉलेज टेस्ट में शॉर्टलिस्टिंग का आधार बन गए हैं, जबकि सीईटी तो क्वालीफाई नेचर का है. यह बात तो आयोग ने भी हाईकोर्ट में कही हुई है.
उम्मीदवारों ने कहा कि एक पदनाम वाले पदों की संख्या जोड़कर उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाना चाहिए था. उन्होंने उदाहरण देकर बताया, ‘कैटेगरी नंबर 02, डीएचबीवीएन में जूनियर इंजीनियर सिविल के 18, कैटेगरी नंबर 03, विकास एवं पंचायत विभाग में जूनियर इंजीनियर सिविल के 446, कैटेगरी नंबर 05, हरियाणा डेयरी डेवलपमेंट फेडरेशन में जूनियर इंजीनियर सिविल के 02, कैटेगरी नंबर 07, हरियाणा पर्यटन निगम में जूनियर इंजीनियर सिविल के 05, कैटेगरी नंबर 08, हाउसिंग बोर्ड में जूनियर इंजीनियर सिविल के 13, कैटेगरी नंबर 09, एचवीपीएनएल में जूनियर इंजीनियर सिविल के 22 पद हैं.
एक ही उम्मीदवार एक जैसे पदों कर लिए बार- बार शार्टलिस्ट
इसी प्रकार अन्य कैटेगरी में अलग- अलग विभागों में एक समान पद है और उनकी संख्या अलग- अलग है. आयोग को करना चाहिए था कि जूनियर इंजीनियर सिविल या जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिकल या जूनियर इंजीनियर मेकैनिकल के सभी पदों की संख्या जोड़नी चाहिए थी. तब कैटेगरी अनुसार 4 गुना उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करना चाहिए था, लेकिन अब कैटगरी अनुसार पदों की संख्या अनुसार शॉर्टलिस्ट किया गया है. इससे एक ही उम्मीदवार एक समान पदों के लिए बार- बार शॉर्टलिस्ट हुआ है.
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