नई दिल्ली | राजधानी में हल्की सी बारिश भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बारिश के बाद होने वाला जल भराव लोगों के लिए दिक्कतें पैदा कर देता है. सड़कों पर जाम लगने से वाहनों की लंबी- लंबी कतारें लग जाती हैं. अब इस समस्या का निदान करने के लिए सरकार (Delhi Govt) भी एक्टिव मोड में नजर आ रही है. इसके लिए सरकार द्वारा सभी नालो का बाथमीट्रिक सर्वे करवाया जा सकता है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में दाखिल किया हलफनामा
इसे लेकर सरकार के मुख्य सचिव ने बारापुला, सुनहरी पुल व कुशल नाले का बाथमीट्रिक करवाने का सुझाव दिया है. इस सर्वे के तहत, जल निकाय की गहराई मापने के साथ पानी के नीचे की विशेषताओं का भी आकलन किया जाएगा. इस विषय में मुख्य सचिव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में हलफनामा दाखिल किया है. इसमें उन्होंने कहा है कि विभिन्न मुद्दों का हल निकालने के लिए आइएफसीडी द्वारा 3 नालों का एक महीने के अंदर बाथमीट्रिक सर्वे करवाया जा सकता है.
नालों से अतिक्रमण हटाने के लिए दिए गए सुझाव
वहीं, दूसरी तरफ उन्होंने नालों से अतिक्रमण हटाने के लिए कार्रवाई करने के संबंध में भी सुझाव दिए. इसके अतिरिक्त, नालों से 100% गाद निकालने की प्रक्रिया को 3 महीने में पूरा किए जाने के भी सुझाव दिए गए. इस रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया कि नालों से अतिक्रमण हटाने के लिए आइएफसीडी, एमसीडी, एनडीएमसी, पीडब्ल्यूडी, डूसिब व दिल्ली पुलिस को संयुक्त अभियान चालाना चाहिए.
कराई जानी चाहिए कंटीले तारों से बैरिकेडिंग
वहीं, नालों में डाले जाने वाले निर्माण व ध्वस्तीकरण मलबा (सीएंडडीडी) फेंकने से रोकने के लिए सर्विलांस कैमरे लगाए जाने की जरूरत पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि बारापुला नाले पर अतिक्रमण रोकने के लिए यहां कंटीले तारों से बैरिकेडिंग कराई जानी चाहिए.
आइएफसीडी की है जिम्मेदारी
अपने हलफनामे में उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल 2024 के आदेशों के तहत इस नाले के A7 से बी तक के हिस्से की सफाई करने की जिम्मेदारी आइएफसीडी की है. वहीं, 8 अप्रैल 2024 के आदेशों के तहत इस नाले के साथ सभी 22 नालों के रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी भी आइएफसीडी की है.
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