चंडीगढ़ | डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Ram Rahim Singh) की 21 दिन की फरलो को मंजूरी प्रदान कर दी गई है. 13 अगस्त मंगलवार सुबह को रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आकर वह उत्तर प्रदेश के बागपत में बरनावा आश्रम पहुंच गया. इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा दो दिन पहले हरियाणा सरकार को कहा गया था कि राम रहीम सिंह को सोच समझकर ही फरलो या पैरोल दे. उसके बाद, सरकार द्वारा इस शर्त पर फरलो दी गई कि वह 21 दिन बागपत स्थित बरनावा आश्रम में ही रहेगा.
राम रहीम की फरलो पर उठाए गए थे सवाल
बता दें कि साध्वियों के यौन शोषण और कत्ल केस में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह रोहतक की सुनारिया जेल में काफी लंबे समय से बंद है. इसी महीने के 10 तारीख को हाई कोर्ट द्वारा शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की याचिका को खारिज किया गया था. इस याचिका में समिति ने राम रहीम को बार- बार फॉलो देने पर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने कहा कि इन मुद्दों पर निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार सक्षम है.
चुनावों से पहले बाहर आना नहीं है नई बात
यहां आपके लिए जानना जरूरी है कि डेरा प्रमुख का चुनावों से पहले जेल से बाहर आना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी अलग- अलग चुनावों के दौरान उसे फरलो दी जा चुकी है. 24 अक्टूबर 2020 से 12 अगस्त 2024 के दौरान कुल मिलाकर वह 10वीं बार जेल से बाहर आया है. हरियाणा, पंजाब और राजस्थान चुनावों से पहले भी उसे फरलो दी जा चुकी है.
लोकसभा चुनाव में नहीं मिल पाई थी फरलो
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी राम रहीम की मंशा जेल से बाहर आने की थी. उस दौरान राम रहीम ने कहा था कि मुझे 14 दिन की पैरोल दी जानी चाहिए, लेकिन हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया. उसके बाद, सरकार द्वारा राम रहीम को पैरोल नहीं दी गई. साल 2022 में हुए विधानसभा चुनावों में डेरा समर्थकों द्वारा भाजपा का समर्थन किया गया था, जिसका फायदा बीजेपी और अकाली दल गठबंधन को मिला था. वहीं, साल 2014 में हुए चुनावों में भी बीजेपी कों डेरे का समर्थन हासिल हुआ था.
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