रेवाड़ी | हरियाणा के सबसे पुराने उपमंडल में से एक रेवाड़ी जिले का कोसली कस्बा ब्लॉक का दर्जा पाने के लिए तरस रहा है. आज तक इसे खंड स्तरीय पंचायत के जैसा दर्जा भी नहीं मिल पाया है. इस विषय में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Rao Indrajit Singh) भी वकील बनकर वकालत करने की बात कह चुके हैं. एक समय ऐसा था जब प्रदेश में गिने- चुने उप मंडल होते थे, उस समय कोसली का भी नाम इनमें शामिल था. इसके बावजूद ब्लॉक लेवल के काम करने के लिए लोगों को नाहड़ ब्लॉक में जाना पड़ता है.
लोगों को काटने पड़ते दो जगह चक्कर
विशेष बात यह है कि तहसील लेवल के होने वाले सभी कार्यालय कोसली में मौजूद हैं, लेकिन काम करने के लिए लोगों को दो जगह पर चक्कर लगाने पड़ते हैं. काफी लंबे समय से इसे ब्लॉक का दर्जा दिलाने की मांग की जा रही है, लेकिन यह मुद्दा हमेशा राजनीति की भेंट चढ़ता रहा. दो दर्जन गांवों को कोसली को ब्लॉक का दर्जा मिल पाने का फायदा होगा. वर्तमान में ब्लॉक लेवल के कामों के लिए लोगों को नाहड़ जाना पड़ता है. इसके अलावा, फ्लाईओवर का कार्य निर्माणाधीन है, जिस कारण लोगों को नाहड़ गांव से होकर निकलना पड़ता है. इसमें बहुत ज्यादा समय लगता है और लोगों को खासी परेशानी का सामना उठाना पड़ता है.
सरकार से की चुकी है बार- बार मांग
अनेक सामाजिक संस्थाएं भी इस बारे में अपना मांग पत्र सरकार को भेज चुकी हैं. लोकमंच के प्रधान दुलीचंद ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अबकी बार फिर से सरकार से कोसली को ब्लॉक का दर्जा दिए जाने की मांग की है. सरकार ने प्रशासन में सुधार के गत वर्ष अक्टूबर माह में 14 नए विकास खंडों का गठन किया था, लेकिन सभी नए ब्लॉक की शर्तों को पूरा करते हुए और उप मंडल मुख्यालय होते हुए भी कोसली ब्लॉक का गठन नहीं किया गया. वर्तमान में प्रदेश में 18 विकासखंड ऐसे हैं जिनमें 12 से 29 तक गांव शामिल है. सरकार की नीति के अनुसार, पुराने खंड में दो- दो नए खंड बनाने की है.
सरकार ने मांगी रिपोर्ट
हाल ही के कुछ समय में अधिकारियों से सरकार द्वारा नए ब्लॉक तहसील और मॉडल बनाने के लिए रिपोर्ट मांगी गई थी. उस समय कोसली को खंड बनाने की मांग भी शामिल की गई थी. उसके बाद, पंचायत द्वारा एसडीम को भी रिपोर्ट बनाना कर भेजने की मांग की गई थी. एसडीएम को सौंपे गए पत्र में कहा गया कि कोसली को ब्लॉक का दर्जा मिल जाता है तो कोसली, कान्हडवास, गुगोढ, मलेशियावास, जखाला, सुर्खपुर, गुड़ियानी, बास, रतनथल, अहमदपुर पड़तल, छव्वा, भाकली, भाकली- 2, भूरथला, ज़ाहिदपुर, टूमना, नगर, नठेडा, शयमनगर के साथ अन्य गांव के लोगों को फायदा मिल जाएगा.
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