रोहतक | साल 2014 से राजनीतिक कैरियर की शुरुआत करने वाले महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू अपने इलाके में काफी जाने माने नाम है. अपने सामाजिक कामों की वजह से वह हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. रोहतक, कैथल, जींद और बहादुरगढ़ समेत कई इलाकों में उन्होंने गर्ल स्टूडेंट को कॉलेज ले जाने के लिए फ्री बस सेवा चलाई हुई है.
अपनी पार्टी के बैनर तले लड़ेंगे चुनाव
महम में रक्षाबंधन को लेकर हुए कार्यक्रम में अब उन्होंने चुनाव लड़ने की घोषणा की है. अबकी बार वह अपनी खुद की हरियाणा जन सेवक पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसके अलावा, बाकी विधानसभा सीटों पर भी वह उम्मीदवार उतारेंगे. अबकी बार वह अपनी पत्नी को भी चुनाव लड़वाने की तैयारी कर रहे हैं. कुंडू खुद महम सीट से और पत्नी परमजीत कुंडू जींद की जुलाना सीट से चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमाते नजर आएंगे.
सबसे अमीर विधायकों में होती है गिनती
बलराज कुंडू की गिनती हरियाणा के अमीर विधायकों में होती है. साल 2019 में उन्होंने चुनाव आयोग में हल्फनाम दायर किया था. उस समय उन्होंने साल 2018- 19 के दौरान अपनी सालाना आय 7.71 करोड रुपए बताई गई थी. इसके अलावा, 141 करोड रुपए की संपत्ति बताई गई थी. कुंडू ने विनेश फोगाट को भी उनकी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. उनका उन्होंने बताया कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है और विनेश जीतती है, तो उसे खेल मंत्री का पद दिया जाएगा.
बीजेपी से लिया था समर्थन वापस
साल 2019 में विधानसभा चुनाव में विजय हासिल करने के बाद कुंडू ने खट्टर सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन अगले ही साल 2020 में इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया. उसके बाद उन्होंने केंद्र के तीनों कृषि कानून का विरोध भी किया था. आयकर विभाग की टीम ने बलराज कुंडू के रोहतक स्थित घर पर छापेमारी भी की. उसके बाद, वह लगातार हरियाणा और केंद्र सरकार के खिलाफ कई मुद्दों पर हमलावर नजर आए.
साल 2023 में बनाई नई पार्टी
6 सितंबर 2023 को उन्होंने हरियाणा जन सेवक पार्टी की नींव राखी. उसके बाद, जींद में एक बड़ी रैली का आयोजन किया, जिसमें यूपी के पूर्व CM अखिलेश यादव, गुजरात के CM शंकर सिंह बघेल शामिल हुए थे. इस दौरान केंद्र की अग्निवीर योजना का खुलकर विरोध किया गया.
2019 में निर्दलीय के तौर पर लड़ा चुनाव
राजनीति में एंट्री करने से पहले वह एक बिजनेसमैन रह चुके हैं. साल 2014 से 19 के बीच कुंडू ने हरियाणा बीजेपी में पैर जमाये रखे. वह चाहते थे कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव में महम विधानसभा से उन्हें भाजपा की टिकट दी जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो उन्होंने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा. उस समय उन्होंने कांग्रेस के आनंद सिंह दांगी और बीजेपी के शमशेर खरकड़ा को हराया.
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