नई दिल्ली | केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा कर दी है. 1 अप्रैल 2025 से यह योजना विधिवत रूप से लागू हो जाएगी और केंद्र सरकार की इस योजना से 23 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे. मोदी सरकार ने इस नई पेंशन स्कीम में कुछ नियम तय किए हैं, जिसके बारे में जानकारी हासिल करना बेहद अनिवार्य है.
केंद्र सरकार की इस नई पेंशन योजना में सबसे खास बात ये है कि सरकार ने 10 हजार रूपए न्यूनतम पेंशन तय की हैं, लेकिन इसे पाने के लिए भी एक शर्त को पूरा करना होगा. वरना आपको पेंशन के रूप में 1 रूपया भी नहीं मिलेगा.
क्या है UPS?
इस नई पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारी के अंतिम 12 महीने की एवरेज बेसिक सैलरी का 50% हिस्सा रिटायरमेंट के बाद आजीवन दिया जाएगा लेकिन कर्मचारियों को कम से कम 25 साल तक नौकरी पर कार्यरत रहना जरूरी है. इसके साथ ही UPS में 10 हजार रूपए की न्यूनतम पेंशन का भी जिक्र किया गया है.
ये होगी शर्त
न्यूनतम 10 हजार रूपए की पेंशन का हकदार वही सरकारी कर्मचारी होगा जो 10 साल की नौकरी पूरी कर चुका है. मतलब साफ है कि अगर आपने 10 साल से कम नौकरी की है और भले ही आपकी सर्विस 9 साल 11 महीने 28 दिन की हो, तो भी आपको 1 रूपया पेंशन नहीं मिलेगी. हां, यदि आप नौकरी पर 10 साल का समय पूरा कर चुके हैं तो फिर अश्योर्ड पेंशन के साथ ही DR का लाभ भी इसमें जुड़ेगा.
अगर बात करें कि 10 साल से ज्यादा और 25 साल से कम नौकरी करने वालों की, तो इसके लिए एक खास फॉर्मूले के आधार पर पेंशन तय की जाएगी. मान लीजिए अगर कोई कर्मचारी 24 साल की नौकरी कर लेता है, तो फिर उसे न्यूनतम नहीं बल्कि 25 साल के लिए तय किए गए 50% की तुलना में कुछ कम या 45- 50% के बीच पेंशन मिल सकती है.
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