जन्माष्टमी स्पेशल: हरियाणा की धर्मनगरी में हुआ था राधा- कृष्ण का आखिरी मिलन, आज भी तमाल वृक्ष दे रहा गवाही

कुरूक्षेत्र | देशभर में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस शुभ अवसर पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. पूरे देश में ऐसे बहुत से मंदिर और धार्मिक स्थल है, जहां पर प्रभु श्री कृष्ण की बाल लीलाओं के दिलचस्प किस्से जुड़े हैं. ऐसे ही एक रोचक किस्से का जिक्र हम इस खबर में करने जा रहे हैं. मान्यता है कि महाभारत की रणभूमि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर के उत्तर तट पर भगवान श्री कृष्ण और श्री राधा रानी जी का मिलन हुआ था. उत्तरी तट पर स्थित तमाल वृक्ष इस मिलन की आज भी गवाही दे रहा है.

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तमाल वृक्ष से जुड़ी अद्भुत कहानी

श्री कृष्ण और राधा रानी के अटूट प्रेम का साक्षी ये वृक्ष धर्म नगरी के श्री व्यास गोडीया मठ में स्थित श्री राधा कृष्ण मिलन मंदिर में स्थित है. गोडिया मंदिर के पुजारी सुरेश मित्तल ने बताया कि श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण जब बलराम सहित गोकुल छोड़कर कंस वध के लिए मथुरा जा रहे थे, तब सभी गोपियां राधा रानी, यशोदा और नंद बाबा श्री कृष्ण के विरह में बहुत ही दुखी हुए थे. तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वचन देते हुए कहा सभी गोकुल वासियों से एक बार मिलन अवश्य होगा.

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श्रीकृष्ण और राधा रानी का अंतिम मिलन

भगवान श्रीकृष्ण ने इसी वचन को निभाते हुए द्वापर युग में सोमवती अमावस्या के दिन जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा था, तो इस अवसर पर कुरुक्षेत्र स्थित ब्रह्मसरोवर के उत्तरी तट पर माता देवकी, पिता वासुदेव, नंद बाबा और सभी गोपियों समेत श्री राधा रानी जी से मिले थे. निधिवन में तमाल के वृक्ष की छाया में भगवान श्री कृष्ण राधा रानी के साथ रासलीला किया करते थे. मान्यता है कि राधा कृष्ण की अनुपस्थिति में कृष्ण समझकर इस वृक्ष का आलिंगन किया करती थीं.

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वृक्ष की बनावट और श्री राधा कृष्ण प्रेम कहानी

कहा जाता है कि इस वृक्ष की बनावट कुछ इस तरह की है कि इस वृक्ष की हर टहनी एक दूसरी टहनी के साथ ऊपर जाकर मिल जाती है. इस वृक्ष की टहनी जैसे- जैसे ऊपर की ओर बढ़ती है, तो एक- दूसरे के साथ लिपट जाती है और आलिंगन करती है. ठीक उसी तरह जैसे राधा और कृष्ण का अगाध प्रेम था.

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मान्यता है कि जब श्री कृष्ण 8 साल के हुए तो उनकी मुलाकात श्री राधा रानी जी से हुई थी. उस समय राधा रानी की उम्र 12 साल थीं. बताया जाता है कि दोनों ने जब एक- दूसरे को पहली बार देखा था, तो राधा रानी कृष्ण को देखते ही बेसुध हो गई थीं. इस समय दोनों एक- दूसरे से विवाह करना चाहते थे. जब ये बात राधा रानी के परिजनों को पता चली, तो उन्होंने राधा रानी को घर में कैद कर दिया था.

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