हरियाणा की पिहोवा सीट पर भाई को चुनौती देगा भाई, कांग्रेस- इनेलो से टिकट कटने पर लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव

कैथल | हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Chunav) के लिए नामांकन दाखिल करने का दौर खत्म हो चुका है. इस दौरान सूबे की राजनीति में अलग ही सियासी माहौल देखने को मिला. कुछ ऐसा ही नजारा पिहोवा विधानसभा सीट पर देखने को मिला है, जहां से पूर्व कृषि मंत्री जसविंदर सिंह संधू के बेटे कांग्रेस और INLD से टिकट मिलने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन अनदेखी होने पर अब दोनों भाई निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी रण में उतर चुके हैं.

Election Vote Chunav

INLD ने बलदेव को थमाई टिकट

पूर्व मंत्री जसविंदर सिंह संधू की गिनती इनेलो के कद्दावर नेताओं में होती थी और वे चौटाला परिवार के बेहद करीबी रहे थे. उनके निधन के बाद उनके बेटे गगनजोत संधू ने INLD छोड़कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था, लेकिन बाद में फिर उन्होंने आईएनएलडी ज्वाइन कर ली थी. इस बार वो इनेलो की टिकट पर पिहोवा से चुनाव लड़ने की तैयारी में थे, लेकिन पार्टी ने यहां से बलदेव सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसके चलते उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया है.

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कांग्रेस ने भी की अनदेखी

इनेलो नेता जसविंदर सिंह संधू के दूसरे बेटे जसतेज संधू कांग्रेस से जुड़कर क्षेत्र में काफी सक्रिय थे. उन्होंने पिछले दिनों पिहोवा में दीपेंद्र हुड्डा की ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ पदयात्रा में भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई थी. इसके अलावा किसान आंदोलन में भी उन्होंने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराई थी, जिसके चलते उन्हें कांग्रेस से टिकट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर यहां वित्त मंत्री रहे हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा के बेटे मनदीप चट्ठा पर विश्वास जताते हुए उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया. ऐसे में उन्होंने भी बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी रण में ताल ठोक दी है.

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किसके सिर बंधेगा जीत का सेहरा

निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर अब दोनों भाई चुनावी रण में एक- दूसरे के सामने खड़े हो चुके हैं. खैर दोनों भाईयों की हार- जीत का फैसला तो पिहोवा विधानसभा क्षेत्र की जनता तय करेगी. अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस पर भरोसा ज्यादा करती है या फिर इन दोनों भाईयों की खींचतान में कोई तीसरा बाजी मारकर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेगा.

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