अंबाला | हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया का दौर खत्म हो चुका है. BJP हो या फिर कांग्रेस या फिर कोई अन्य दल से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं की अनदेखी हुई, तो उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर दिया. कुछ ऐसा ही अंबाला कैंट से देखने को मिला, जहां कांग्रेस पार्टी से टिकट की मजबूत दावेदार चित्रा सरवारा ने बागी तेवर दिखाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल कर दिया.
टिकट की थी मजबूत दावेदार
बता दें कि इसी साल पहले महीने में निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस पार्टी का दामन थामा था. हालांकि, AAP ज्वाइन करने से पहले दोनों बाप- बेटी कांग्रेस में ही थे. कांग्रेस पार्टी ने अंबाला विधानसभा सीट से निर्मल सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया, लेकिन अंबाला कैंट से उनकी बेटी चित्रा सरवारा की टिकट काट दी.
पिता ने झाड़ा पल्ला
बेटी चित्रा सरवारा के बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के मुद्दे को लेकर निर्मल सिंह ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उनकी बेटी शादीशुदा हैं. यह उसका खुद का फैसला है. हालांकि, नॉमिनेशन को लेकर अभी चित्रा सरवारा का कोई बयान सामने नहीं आया है और ना ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की बात कही है.
प्रधान जी के नाम से मशहूर
अंबाला जिले की नंगल सीट से 4 बार विधायक रहे निर्मल सिंह ‘प्रधानजी’ के नाम से मशहूर है. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर का लंबा समय कांग्रेस में बिताया है, तो दिल्ली में बैठे कांग्रेस हाईकमान के कई नेताओं के साथ- साथ पूर्व मुख्यमंत्री भुपेंद्र हुड्डा के साथ भी उनके अच्छे संबंध हैं. इन्हीं संबंधों का इस्तेमाल कर उन्होंने फिर से कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी.
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