अंबाला । हरियाणा सरकार ने भी अब दिल्ली की तर्ज पर नए सत्र से सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर व सुविधाओं को बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. इसी कड़ी के तहत अंबाला में 7 सीनियर सेकेंडरी सरकारी स्कूल और 40 प्राइमरी सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम बनाया गया है और सीबीएसई के साथ करार किया है.
सरकारी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम बनाने की घोषणा के साथ ही वहां दाखिला लेने के इच्छुक बच्चों के अभिभावक स्कूलों में पहुंचने लगे हैं. वहीं कुछ अभिभावक प्राईवेट स्कूलों से बच्चों को हटाकर सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिला दिला रहे हैं. अंबाला शहर के गांव भोनोखेडी में बने सरकारी स्कूल को गवर्नमेंट माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल बनाया गया है जिसमें सरकार की ओर से सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
छठी कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक 35 बच्चों का एक सेक्शन बनाया गया है. इसी तरह नौवीं कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक 40 बच्चों का एक सेक्शन बनाया गया है. स्कूल की प्रिंसिपल नीलम गुप्ता ने कहा कि सरकार ने जो कदम उठाया है,उसका बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. अभिभावक प्राईवेट स्कूलों से बच्चों को हटाकर हमारे स्कूल में एडमिशन कराने आ रहे हैं.
हरियाणा में सरकार पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक मुफ्त शिक्षा उपलब्ध करवाती है. लेकिन इन इंग्लिश मीडियम स्कूलों में सरकार ने कुछ फीस निर्धारित की है. स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक 300 रुपए प्रति महीना फीस लगेगी. इसके साथ ही नौवीं दसवीं , ग्यारहवीं एवं बारहवीं कक्षा के लिए 500 रुपए प्रति महीना फीस निर्धारित की गई है. इसके अलावा बच्चों के अभिभावकों को 1000 रुपए एडमिशन फीस भी जमा करानी होगी.
अंबाला के डिप्टी डीईओ सुधीर कालड़ा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों से बेहतर शिक्षा दी जाएं, इसी सोच के साथ सरकार ने 40 प्राइमरी व 7 सीनियर सेकेंडरी स्कूल को इंग्लिश मीडियम किया गया है. स्कूलों में बच्चों को लैब, खेल का मैदान सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है.
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