हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की नई पहल, अब जननी को डिस्चार्ज के साथ ही मिलेगा बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट

सिरसा | हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को मिलने वाली सुविधाओं में निरंतर बढ़ोतरी की जा रही है. इसी कड़ी में एक और अच्छी पहल करते हुए सिविल अस्पताल रतिया द्वारा अब संस्थागत प्रसव के बाद प्रसूता महिलाओं को अस्पताल से डिस्चार्ज होने पर नवजात शिशु का बर्थ सर्टिफिकेट साथ दिया जाएगा.

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स्वास्थ्य विभाग की नई पहल

स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डा. मनीष बांसल के आदेश पर रतिया के सिविल अस्पताल में अस्पताल के इंचार्ज डॉ.अमित सैनी के नेतृत्व में इस नई पहल की शुरूआत करते हुए जननी को डिस्चार्ज होने से पहले नवजात शिशु का बर्थ सर्टिफिकेट थमाया गया.

अस्पताल के चक्कर लगाने से मिलेगा छुटकारा

सिविल अस्पताल रतिया के इंचार्ज डॉ अमित सैनी ने बताया कि पहले शिशु का नि:शुल्क बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए अभिभावकों के पास 21 दिन का समय होता है और इन 21 दिनों में कभी भी अभिभावक अस्पताल आकर अपने बच्चों का बर्थ सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं, पर अब जन्म के साथ ही शिशु का बर्थ सर्टिफिकेट मिलने पर अभिभावकों को अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.

उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में अगर नॉर्मल डिलीवरी होती है तो मां को दो दिन तक चिकित्सक की निगरानी में रखा जाता है. इसी तरह सिजेरियन ऑप्रेशन होने पर मां को 7 दिन तक चिकित्सक की निगरानी में रखा जाता है. इस दौरान जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रतिदिन 100 रुपए की डाइट भी उपलब्ध करवाई जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि प्रसव के बाद महिला को किसी तरह का कोई संक्रमण नहीं हो.

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