हरियाणा में कूड़ा बीनने वालों को मिलेगा ‘नमस्ते योजना’ का लाभ, स्वास्थ्य बीमा सहित मिलेंगे ढेरों फायदे

गुरुग्राम | हरियाणा की साईबर सिटी में कूड़ा बीनने वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. इन लोगों को केंद्र सरकार की ‘नमस्ते योजना’ में शामिल किया जाएगा. जून में हुई स्थायी वित्त समिति की बैठक में इस फैसले को हरी झंडी दिखाई गई थी और अब इसको लेकर शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भी नोटिफिकेशन मिल गया है.

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बता दें कि गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में कूड़ा बीनने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा 5 हजार से अधिक है. योजना को लागू करने और कूड़ा बीनने वालों को इस योजना का लाभ दिलाने के लिए सूबे के सभी नगर निगम को पत्र लिखा गया है. इस योजना में शामिल होने से इन लोगों को कई फायदों के साथ- साथ नगर निगम की ओर से सही तरीके से कूड़ा बीनने का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.

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क्या है नमस्ते योजना

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सीवर और सेप्टिक टैंक श्रमिकों के कल्याण के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना, नेशनल एक्शन फॉर मैकेनाइज्ड सैनिटेशन ईकोसिस्टम (नमस्ते) योजना शुरू की गई है. इसमें पूर्ववर्ती मैनुअल स्कैवेंजर्स (एमएस) के पुनर्वास के लिए स्वरोजगार के घटक शामिल हैं.

योजना शुरू करने का उद्देश्य

नमस्ते योजना में कचरा बीनने वाले घटक का मुख्य उद्देश्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में कचरा बीनने वालों को एकीकृत करना है. अपशिष्ट संग्रहण, पुनर्प्राप्ति और पुनर्चक्रण में उनके योगदान को मान्यता देना और उसे मजबूत करना है. उन्हें मान्यता प्रदान करना, सुरक्षित और टिकाऊ कार्य वातावरण प्रदान करना है.

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इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा, एबी- पीएमजेएवाई के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा का प्रावधान करना और विभिन्न योजनाबद्ध और गैर- योजनाबद्ध हस्तक्षेपों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाकर सुरक्षित करना योजना का मुख्य मकसद है.

कूड़ा बीनने वालों को मिलेंगे ये फायदे

  • डिजिटल ऐप्लिकेशन के जरिए इन कर्मचारियों को रजिस्टर्ड किया जाएगा.
  • पीपीई किट, सुरक्षा उपकरण और स्वास्थ्य बीमा कवरेज मिलेगा.
  • व्यवसायिक सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस दौरान उन्हें स्वच्छता से जुड़े वाहनों और मशीनों के लिए सब्सिडी दी जाएगी.
  • खुद का स्वच्छता उद्यम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.
  • एमरजेंसी रिस्पॉन्स स्वच्छता ईकाइयों में जगह दी जाएगी. कामकाज के दौरान सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा.
  • मानव मल के साथ सीधे सम्पर्क से बचाया जाएगा.
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