हरियाणा से भी सामने आया पूजा खेडकर जैसा मामला, दृष्टि बाधित कोटे से HCS टॉपर चलाते दिखें गाड़ी

चंडीगढ़ | जाली दस्तावेजों का उपयोग कर यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) में आईएएस अधिकारी की नौकरी हासिल करने वाली पूजा खेडकर का मामला अभी तक ठंडा नहीं पड़ा था और इसी तरह का एक मामला अब हरियाणा से भी सामने आया है. यहां हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा में दृष्टिबाधित कोटे में टॉप करने वाले अश्विनी गुप्ता के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है.

Ashwini Topper

वीडियो सामने आने पर उठे सवाल

हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा में दृष्टिबाधित कोटे में टॉप करने वाले अश्विनी गुप्ता का हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कार चलाते हुए दिख रहे हैं. यह वीडियो उनके ‘दिव्यांगता’ पर सवाल खड़े करता है. 2019 में जारी उनके ड्राइविंग लाइसेंस को भी कोर्ट में पेश किया गया है. इसके बाद से ही उनके दृष्टिबाधित कोटे के तहत नियुक्ति पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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हिमाचल प्रदेश निवासी अश्विनी गुप्ता के पास अपने गृह राज्य से जारी किया गया ड्राइविंग लाइसेंस है. उनके राशन कार्ड में उनका पता परवाणू, जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश दर्ज है.

फर्जी जानकारी देने का आरोप

बता दें कि हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) ने इसी साल 18 जून को 112 चयनित उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र दिए थे. अब इस भर्ती से जुड़ी एक याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई है, जिसमें अश्विनी गुप्ता के दृष्टिबाधित कोटे से चयन पर सवाल उठाए गए हैं. HPSC में भी इसको लेकर शिकायत दर्ज कराई गई थी. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दावा करते हुए कहा कि अश्विनी गुप्ता ने HPSC में अपने चयन में फर्जी जानकारी दी है.

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अश्विनी गुप्ता के पास ड्राइविंग लाइसेंस

याचिका में बताया गया है कि अश्विनी का चयन भले ही दृष्टिबाधित कोटे से हुआ हो, लेकिन उनके पास ड्राइविंग लाइसेंस है और वह वाहन भी चलाते हैं. इस मामले पर हाईकोर्ट ने गंभीरता जताते हुए हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है.

पूजा खेडकर जैसा मामला

वहीं, हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि पहले मामले की जांच की जाएगी और फिर उन्हें नियुक्ति दी जाएगी. इस मामले में यह भी मांग उठ रही है कि जांच की जाए कि क्या हिमाचल प्रदेश के स्थायी निवासी अश्विनी ने हरियाणा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया था.

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फिलहाल, अश्विनी गुप्ता पंजाब नेशनल बैंक में कार्यरत हैं. यह मामला IAS अधिकारी पूजा खेडकर की याद दिलाता है, जिन्हें हाल ही में यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था.

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