चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election) को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां रफ्तार पकड़ चुकी है. 10 साल की एंटी इनकंबेंसी झेल रही बीजेपी ने कई सीटों पर उलटफेर करने के लिए RSS की मदद मांगी हैं और पन्ना प्रमुख वाला अभियान तेज करने का फैसला लिया है. पन्ना प्रमुख की रणनीति में RSS के काडर से सहयोग की अपेक्षा है. वहीं, नमो ऐप्लिकेशन के जरिए भी बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की कोशिश हो रही है.
जीत के दावे से सभी दूर
यह पूरी कवायद इसलिए तेज हो रही है क्योंकि प्रदेश की 2 दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जहां बीजेपी को खेल पलटने की उम्मीद है. इन सीटों पर कोई भी पार्टी जीत का दावा करने की स्थिति में नहीं है. यहां मुकाबला त्रिकोणीय या फिर बहुकोणीय या फिर निर्दलीय प्रत्याशी भी कई सीटों पर मजबूत है. ऐसे में कांग्रेस इन सीटों को लेकर चिंता में हैं और बीजेपी इसे अपने लिए एक मौके के तौर पर देख रही है.
इन सीटों में हिसार, सिरसा और कुरूक्षेत्र की कई सीटें शामिल हैं. ऐसे में बीजेपी को लग रहा है कि वोटों के बटवारे के बीच यदि अपने काडर को मजबूती से एक्टिव कर दिया जाएं, तो उसे बढ़त मिल सकती है. इसलिए RSS के साथ समन्वय स्थापित कर चुनावी रण में उतरने की रणनीति बनाई गई है. अगले 10 दिनों में पन्ना प्रमुख की रणनीति पर काम करते हुए गली- गली और गांव- गांव जाने की योजना बनाई गई है.
बदल सकती है स्थिति
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने कहा कि जमीनी स्तर से जुड़े हमारी पार्टी के कार्यकर्ताओं में बड़ी संख्या में ऐसे भी कार्यकर्ता हैं जो निःस्वार्थ भाव से सहयोग करते हैं. ऐसे में उन लोगों से अपील की जाएगी कि वे आगे आएं और चुनाव में पार्टी की मदद करें. मेरा बूथ- सबसे मजबूत का नारा दिया जाएगा और पन्ना प्रमुख की रणनीति के साथ आगे बढ़ा जाएगा.
दरअसल, बीजेपी नेतृत्व को लगता है कि बड़ी संख्या में संघ के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय थे और अब यदि उनकी मदद मिल जाए तो स्थिति में फेरबदल से इंकार नहीं किया जा सकता है.
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