चंडीगढ़ | हरियाणा वक्फ बोर्ड के पुनर्गठन की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही, वक्फ बोर्ड व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
पुनर्गठन को बताया गैर क़ानूनी: मोहम्मद
नोटिफिकेशन को चुनौती देते हुए एडवोकेट मोहम्मद अरशद ने पुनर्गठन को गैर क़ानूनी बताया है. याचिका में बताया गया कि सरकार ने हरियाणा वक्फ नियम 2021 का उल्लंघन किया है. किसी भी श्रेणी का इस नोटिफिकेशन का जिक्र नहीं किया गया है और किसी भी सदस्य की श्रेणी का खुलासा नहीं किया गया है जो हरियाणा वक्त अधिनियम का सीधा उल्लंघन है.
किसी भी बोर्ड में निर्वाचित सदस्यों की संख्या हमेशा नामित सदस्यों से अधिक होनी चाहिए. इस अधिसूचना के अनुसार सभी सदस्य नामित हैं. नोटिफिकेशन के अनुसार, श्रेणी नंबर 2 को मुस्लिम सीनियर एडवोकेट की श्रेणी में रखा गया है, लेकिन ये मेंबर संबंधित बार काउंसिल यानी पंजाब एवं हरियाणा में रजिस्टर्ड नहीं हैं, बल्कि दिल्ली बार काउंसिल में रजिस्टर्ड है.
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