ज्योतिष | हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि (Navratri) का विशेष महत्व बताया गया है. अब पितृपक्ष समाप्ति की ओर है. जल्द ही, नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी. इस साल शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है. इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना करने का विधान भी बताया गया है. ऐसे में भक्त अपने घर में माता रानी की चौकी स्थापित करते हैं और पूरे 9 दिनों तक विधि- विधान तरीके से पूजा अर्चना और उपवास भी करते हैं. आज हम आपको पूजा और घट स्थापना से जुड़े हुए कुछ नियमों के बारे में जानकारी देने वाले हैं.
इस प्रकार करें कलश को डेकोरेट
3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, नवरात्रि के पहले दिन घट यानि कलश की स्थापना की जाती है. ऐसे में कुछ भक्त कलश को खास चीजों से डेकोरेट भी करते हैं. घट स्थापना के लिए कलश को आप गाय के गोबर और जो का इस्तेमाल करके भी सजा सकते हैं. इसे धार्मिक रूप से काफी अच्छा माना जाता है, इसके लिए आप मिट्टी या किसी धातु का घड़ा ले सकते हैं. अब गोबर की मदद से कलश पर सुंदर आकृति यानी शॉप बना ले, आटे की तरह गोबर को कलश पर चिपकाकर आप सुंदर पैटर्न बना सकते हैं. उसके बाद, चावल और जो लगाकर इसे और भी सुंदर सजा सकते हैं.
घट स्थापना करने का शुभ मुहर्त
आप इसे और ज्यादा फैंसी लुक देना चाहते हैं, तो आप गोटा- पट्टी, लेस और रिबन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. पूजा में आपको चावल और रोली का इस्तेमाल भी करना चाहिए. धार्मिक रूप से विधि- विधान से पूजा करने को ही अच्छा माना जाता है. अगर आप मिट्टी के कलश का इस्तेमाल करते हैं, तो आप उसे पेंट के जरिए भी डेकोरेट कर सकते हैं. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:14 मिनट से शुरू होकर 7:21 मिनट तक रहने वाला है. आपको घट स्थापना के लिए बेहद ही कम समय मिलने वाला है.
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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