ज्योतिष | हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में कुल 4 नवरात्रि आती है, जिनमें से दो गुप्त नवरात्रि और एक चैत्र नवरात्रि और एक शारदीय नवरात्रि शामिल है. आज से पितृपक्ष की समाप्ति हो गई है और कल से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी. हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि को विशेष महत्व प्राप्त है. इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा- अर्चना करने का विधान भी बताया गया है, जो व्यक्ति सच्चे मन से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा- अर्चना करता है. उसके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है.
घट स्थापना करने का शुभ मुहूर्त
कहा जाता है कि नवरात्रों के दौरान मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आपके घर आती है, अबकी बार नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है. कुल गुरुवार को सुबह 6:14 मिनट से 7:23 मिनट तक ही घट स्थापना का शुभ मुहूर्त होने वाला है, यानी कि आपको कलश स्थापित करने के लिए थोड़ा ही समय मिलने वाला है.
इसके बाद, दूसरा अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:47 मिनट से दोपहर 12:34 मिनट तक रहने वाला है. आप इन दोनों में से किसी भी मुहूर्त में घट स्थापना कर सकते हैं. नवरात्रि में पूजा- अर्चना के साथ- साथ आपको माता के कुछ विशेष मंत्रों का भी जाप करना चाहिए, ऐसा करने से आपके जीवन में चली आ रही सभी परेशानियां समाप्त हो जाएंगी.
अवश्य करें इन मंत्रों का जप
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते ।।
- नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’ का जाप अधिक से अधिक अवश्य करें.
- पिण्डज प्रवरा चण्डकोपास्त्रुता। प्रसीदम तनुते महिं चंद्रघण्टातिरुता ।। पिंडज प्रवररुधा चन्दकपास्कर्युत । प्रसिदं तनुते महयम चंद्रघंतेति विश्रुत।
- ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते ।।
डिस्केलमर: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं विभिन्न माध्यमों/ ज्योतिषियों/ पंचांग/ प्रवचनों/ मान्यताओं/ धर्मग्रंथों पर आधारित हैं. Haryana E Khabar इनकी पुष्टि नहीं करता है.
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