नई दिल्ली | जो उम्मीदवार टैटू की वजह से अपनी नौकरी खो बैठते थे उनके लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अच्छी खबर दी है. टैटू के कारण नौकरी के लिए अयोग्य ठहराने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्मीदवारों के लिए राहत भरा फैसला सुनाया है. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने एक उम्मीदवार के पक्ष में कैट के निर्णय के विरुद्ध कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की अपील याचिका पर कहा कि टैटू बनवाने वाले वाले किसी भी व्यक्ति को समयबद्ध तरीके से टैटू हटाने का मौका दिया जाना चाहिए.
नहीं किया जाना चाहिए अयोग्य घोषित
इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि टैटू के निशान को किसी भी उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करने का कारण नहीं बनाया जाना चाहिए. इस प्रकार जो उम्मीदवार टैटू की वजह से नौकरी के लिए अयोग्य ठहराए जाते थे उन्हें अब थोड़ी राहत मिल सकेगी.
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति गिरीश क्ठपालिया की पीठ ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के 22 अप्रैल 2024 के निर्णय के विरुद्ध कर्मचारी चयन आयोग की अपील याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है. सुनवाई के दौरान अदालत के सामने पेश हुए प्रतिवादी उम्मीदवार ने बताया कि उसने सर्जरी के जरिये टैटू हटवा दिया है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका
पीठ ने इस पर कहा कि न केवल हमने, बल्कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिकारी व अधिवक्ताओं ने खुद अपनी आंखों से देखा है कि प्रतिवादी उम्मीदवार के हाथ पर टैटू का निशान दिखाई भी नहीं दे रहा है. ऐसे में इन तथ्यों को देखते हुए कैट के आदेश में कोई गलती नहीं मिली है और कर्मचारी चयन आयोग की अपील याचिका खारिज की जाती है. साथ ही, पीठ ने आयोग को नवंबर 2024 में शुरू होने वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रतिवादी उम्मीदवार को शामिल होने की अनुमति देने के लिए निर्देशित किया है.
उम्मीदवार ने बताई ये बात
याचिका के मुताबिक, आयोग द्वारा आयोजित कांस्टेबल पद की परीक्षा में प्रतिवादी ने परीक्षा के साथ- साथ शारीरिक परीक्षा भी पास की थी. विस्तृत चिकित्सा जांच (DME) में उसे इस आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया कि उसकी दाहिनी बांह पर धार्मिक प्रतीक (ओम) का टैटू बना हुआ था. बाद में रिव्यू मेडिकल बोर्ड ने 20 जनवरी 2024 को रिव्यू मेडिकल परीक्षा आयोजित की और टैटू की वजह से प्रतिवादी को फिर से अयोग्य घोषित कर दिया. प्रतिवादी उम्मीदवार ने इस निर्णय को कैट के समक्ष चुनौती दी और कैट ने अन्य सभी परीक्षाओं में पद के योग्य होने के आधार पर टैटू हटाने के बाद सेवा में शामिल होने की अनुमति दी.
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के निर्णय के विरुद्ध कर्मचारी चयन आयोग ने अदालत का रास्ता अपनाते हुए तर्क दिया कि विज्ञापन में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि पुलिसकर्मियों के दाहिने हाथ पर टैटू गुदवाने पर रोक लगा दी है. केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने इस बात पर विचार नहीं किया कि एक अनुशासित फोर्स के अंदर सलामी देने वाले हाथ पर टैटू वाला व्यक्ति सेवा के लिए अयोग्य समझा जाएगा. इसके अतिरिक्त, नियुक्ति के नियमों और विज्ञापन की शर्तों का पालन किया जाना चाहिए.
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