चंडीगढ़ | हरियाणा में चुनावों का दौरा चल रहा है. राजनीतिक सरगर्मी जोरों पर है. इतनी जद्दोजहद और मशक्कत के बाद जीतने वाले विधायकों की पगार आखिर क्या होती है? शायद आप में से ज्यादातर को इसका जवाब नहीं पता होगा. टेंशन ना लीजिए आज हम आपको इस आर्टिकल में यही जानकारी देने वाले हैं.
मिलती हैं ये सुविधाएं
सबसे पहले तो बता दें कि माननीयों को हर महीने ₹60,000 फिक्स सैलरी दी जाती है. इसके अलावा, उन्हें बाकि सुविधाएं भी दी जाती हैं, जिनमे टेलीफोन के लिए ₹15,000, ऑफिस के लिए ₹25,000 सत्कार भत्ता शामिल हैं. हर महीने डेली के खर्चों को निपटाने के लिए 30,000 रुपए दिए जाते हैं. विधानसभा क्षेत्र में विज़िट के लिए हर महीने 60,000 रुपए अलग से मिलता है. अगर विधानसभा सत्र में शामिल होते हैं, तो ₹15,000 का अतिरिक्त खर्च भी दिया जाता है. सूबे से बाहर यात्रा करेंगे तो उसके लिए हर रोज ₹5,000 का भत्ता दिया जाता है. क्लास वन अधिकारियों की तरह मिलने वाली मेडिकल सुविधाएं भी विधायकों को दी जाती हैं.
गाड़ियों के लिए मिलता है इतना धन
4 पहिया वाहन के लिए विधायकों को 20 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है. अगर घर के लिए लोन लेना चाहे तो ₹60 लाख तक का होम लोन भी दे दिया जाता है. मकान की मरम्मत के लिए 10 लाख रुपए भी लिए जा सकते हैं. रेल और फ्लाइट में फर्स्ट क्लास यात्रा करने की सुविधा भी माननीयों को दी जाती है. हर साल 3 लाख रुपये तक की मुफ्त यात्रा का लाभ प्रदेश के विधायक उठा सकते हैं. 18 किलोमीटर प्रति किलोमीटर के रेट से सड़क यात्रा भत्ता की सुविधा भी दी जाती है. हर साल 15 लाख रुपए की अलग से ग्रांट भी मिलती है.
2017 में बढ़ाई गई थी तनख्वाह
विधायकों, मंत्रियों, राज्य मंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और विपक्ष के नेता के भत्तों में साल 2017 बढ़ोतरी कर ₹60,000 कर दिया गया था. इससे पहले विधायकों को ₹50,000 हर महीने की सैलरी दी जाती थी.
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