हरियाणा सरकार में जिस भी नेता ने संभाला वित्त मंत्री का पद, दोबारा जीत नहीं हुई नसीब

चंडीगढ़ | हरियाणा में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं. लगातार 2 बार से सूबे की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 48 सीटें जीतकर तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है. वहीं, 10 साल बाद सत्ता वापसी का दम भर रही कांग्रेस पार्टी को महज 37 सीटों पर जीत हासिल हुई है. वोट शेयरिंग की बात करें तो दोनों ही पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस को लगभग बराबर वोट मिले हैं लेकिन बीजेपी के हिस्से में ज्यादा सीटें आई है.

JP DALAL

हार का मिथक नहीं तोड़ पाए वित्त मंत्री

हरियाणा की राजनीति का जिक्र करें तो कुछ अजीबोगरीब संयोग आज भी देखने को मिल रहे हैं. लगभग 3 दशक से जिस भी विधायक ने राज्य सरकार में वित्त मंत्री का पद संभाला है, उसको दोबारा जीत नसीब नहीं हो पाई है. यूं कहें कि जिस भी विधायक को वित्त मंत्री बनाया गया है, वो नेता अपना अगला चुनाव नहीं जीत पाया है. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी ये मिथक जारी रहा.

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दलाल ने झेली हार

नायब सैनी सरकार में वित्त मंत्री रहे लोहारू विधानसभा सीट से विधायक जेपी दलाल को हार का मुंह देखना पड़ा है. कांग्रेस प्रत्याशी राजबीर फरटिया ने उन्हें बेहद कड़े मुकाबले में 792 वोटों से हराया है. ऐसे में बतौर वित्तमंत्री अगला चुनाव नहीं जीत पाने का जो सिलसिला था, उसे जेपी दलाल भी नहीं तोड़ पाए.

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पहले भी हारते रहे हैं वित्त मंत्री

3 दशक से हरियाणा में वित्त मंत्री रहने वाले नेता अगली बार विधानसभा नहीं पहुंच पाए हैं. वर्ष 1991 में भजन लाल सरकार में मांगेराम गुप्ता वित्त मंत्री थे, लेकिन 1996 में वे चुनाव हार गए. 1996 में सेठ श्रीकिशन दास वित्त मंत्री बने, लेकिन 2000 में वे विधानसभा नहीं पहुंच सके. 2000 में ओमप्रकाश चौटाला सरकार में संपत्त सिंह वित्त मंत्री रहे, लेकिन 2005 में लोगों ने उन्हें विधानसभा नहीं पहुंचने दिया.

2005 में भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार में चौधरी बीरेंद्र सिंह वित्त मंत्री रहे और 2009 में चुनाव हार गए. हुड्डा की दूसरी पारी में कैप्टन अजय यादव वित्त मंत्री बने. 2014 में लोगों ने उन्हें घर बैठा दिया. इसी तरह 2014 से 2019 तक वित्त मंत्री रहे कैप्टन अभिमन्यु भी अगला चुनाव नहीं जीत सके.

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2019 से 12 मार्च 2024 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वित्त विभाग अपने पास रखा, लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने टर्म पूरी होने से पहले ही विधानसभा से इस्तीफा दे दिया. उनके बाद लोहारू से विधायक जेपी दलाल नए वित्त मंत्री बने, जो अब चुनाव हार गए हैं.

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