बहादुरगढ़ । तीनों कृषि कानूनों के विरोध में केन्द्र सरकार के खिलाफ पिछले चार महीनों से आंदोलनरत किसानों और किसान नेताओं ने 10 अप्रैल को कुंडली -मानेसर- पलवल एक्सप्रेस -वे को जाम करने के लिए अपनी तैयारियों शुरू कर दी है. जाम को सफल बनाने के लिए टीकरी बार्डर पर मौजूद रहने वाले किसान नेता हरियाणा की खापों के प्रधान के साथ बैठक कर समर्थन जुटा रहे हैं.
हरियाणा संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विकास सीसर ने कहा कि किसानों का जाम 10 अप्रैल की सुबह 11 बजे से लेकर 11 अप्रैल की सुबह 11 बजे तक पूरे 24 घंटे के लिए रहेगा. जाम के दिन किसान केएमपी पर बैठेंगे और वही रात बसेरा होगा. इसके लिए लंगर, पानी, जनरेटर और सोने के लिए गद्दों का इंतजाम किया जा रहा है. जाम को सफल बनाने के लिए टीकरी बार्डर से भी काफी संख्या में किसान आ रहे हैं, जिसमें हरियाणा के लोगों से इन्हें सहयोग करने की अपील की जा रही है. किसान नेता जोगेन्दर नैन ने बताया कि किसान पिछले चार महीनों से बार्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के मूड में नहीं है. ऐसे में किसान भी अब शांत नहीं बैठेंगे.
हरियाणा के किसान लगाएंगे लंगर
किसान नेताओं ने दावा किया है कि केएमपी जाम करने के लिए पंजाब से भी बड़ी संख्या में किसान आएंगे. इस दौरान केएमपी पर जगह-जगह हरियाणा के किसान लंगर लगाएंगे. वहीं जगह -जगह पर प्राथमिक उपचार के लिए मेडिकल व डाक्टर की तैनाती रहेगी. यहां रोशनी के लिए जनरेटर किसान साथ लेकर आएंगे.
केएमपी जाम के बाद किसानों की आगामी रणनीति
13 अप्रैल को बैसाखी पर्व दिल्ली के बार्डर पर मनाया जाएगा. 14 अप्रैल को डा भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर संविधान बचाओ दिवस मनाएंगे. 1 मई को दिल्ली बार्डर पर मजदूर दिवस मनाया जाएगा. इस दिन सभी कार्यक्रम मजदूर और किसान एकता को समर्पित होंगे. मई के पहले हफ्ते में संसद कूंच किया जाएगा. किसानों का दावा है कि इस पैदल मार्च में महिलाएं बढ़-चढ़कर भाग लेंगी और यह कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित होगा. अपने गांवों व शहरों से किसान दिल्ली बार्डर तक अपने वाहनों से आएंगे, इसके बाद दिल्ली बार्डर से संसद तक पैदल मार्च किया जाएगा.
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