चंडीगढ़ | हरियाणा में धान के अवशेष यानि पराली जलाने वाले किसानों को लेकर सरकार सख्ती बरतने के मूड में नजर आ रही है. जिला प्रशासन ने सख्त लहजे में कहा है कि जिस खेत में पराली जलेगी, उस खेत की मेरी फसल- मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री कर दी जाएगी. साथ ही, FIR दर्ज कर गिरफ्तारी भी की जाएगी.
MSP का नहीं मिलेगा लाभ
उपनिदेशक (कृषि) डॉ. वजीर सिंह ने बताया कि पराली जलाने वाले किसानों के मेरी फसल- मेरा ब्योरा पोर्टल पर रेड एंट्री की जाएगी, जिससे भविष्य में वह किसान न तो अपनी धान की फसल बेच पाएंगे और न ही गेहूं की फसल बेच सकेंगे यानि इन किसानों की सरकारी खरीद पर फसल नहीं बिकेगी. इन्हें MSP का लाभ भी नहीं मिलेगा.
उन्होंने बताया कि पराली जलाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा प्रशासन द्वारा भी लगातार किसानों को पराली न जलाने को लेकर जागरूक किया जा रहा है. इसके अलावा, पराली का उचित प्रबंध करने के लिए रियायती दरों पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराएं जा रहें हैं.
सख्त कार्रवाई के निर्देश
डॉ. वजीर ने बताया कि किसान पराली को खेत में नष्ट करके खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं या उनके गट्ठे बनवाकर खरीद केंद्रों पर बेचकर आमदनी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि काफी रियायतों के बावजूद भी कुछ किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहें हैं. इस कारण सुप्रीम कोर्ट तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आरोपी किसानों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई
उपनिदेशक (कृषि) ने बताया कि जिन अधिकारियों या कर्मचारियों की पराली जलाने से रोकने को लेकर ड्यूटी लगी हुई है, वे सभी ड्यूटी स्थल पर रहकर कड़ी निगरानी करें. अतिरिक्त जिला उपायुक्त ने कहा कि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की ड्यूटी में लापरवाही सामने आई, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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