नई दिल्ली | देश की सबसे प्रतिष्ठित और मुश्किल परीक्षाओं में से एक UPSC की परीक्षा को माना जाता है. युवा काफी मेहनत करते है तब जाकर इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. इसी बीच कुछ युवा ऐसे भी होते हैं, जो काफी प्रयासों के बाद भी इस परीक्षा को पास नहीं कर पाते और कहीं गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं. दूसरी तरफ कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो असफलताओं से हार नहीं मानते और अपने लक्ष्य से बिना डिगे मुकाम को हासिल करते हैं.
23 साल की उम्र में बनी IAS अधिकारी
ऐसा ही उदाहरण पेश किया है राजस्थान के अजमेर की परी बिश्नोई ने. परी ने महज 23 साल की उम्र में इस परीक्षा को पास कर दिया. शहर के सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. अजमेर की एमडीएस यूनिवर्सिटी से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने की सोची.
उन्होंने नेट जेआरएफ परीक्षा को पास कर लिया था, लेकिन उनका सपना सिविल सर्विस में ही कैरियर बनाने का था. इसलिए कड़ी मेहनत और लगन के बल पर आखिरकार साल 2019 में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के तीसरे अटेम्प्ट में 30वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गई.
UPSC के लिए बिताया साध्वी जैसा जीवन
परी बिश्नोई का जन्म 26 फरवरी 1996 को राजस्थान के बीकानेर में हुआ. उनके पिता मनीराम बिश्नोई एडवोकेट और माता सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी थाना अधिकारी है. उनके पति भव्य बिश्नोई हरियाणा के 3 बार मुख्यमंत्री रहे भजनलाल के पोते हैं. सोशल मीडिया पर इस परी बिश्नोई काफी लोकप्रिय है. इनके इंस्टाग्राम पर 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
एक इंटरव्यू के दौरान आईएएस परी बिश्नोई ने बताया कि एक समय ऐसा भी था, जब उन्होंने सोशल मीडिया से काफी दूरी बना ली थी. वह मोबाइल तक को हाथ नहीं लगती थी. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा के लिए साध्वी जैसा जीवन भी बिताया है.
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