चंडीगढ़ | हरियाणा में अपने राजनीतिक वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रही पूर्व उपप्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी (INLD) पर एक और बड़ी मुश्किल आन खड़ी हो गई है. बता दें कि पार्टी का चुनाव चिह्न चश्मा किसी भी वक्त छिन सकता है. ऐसा हुआ तो पार्टी 2029 का विधानसभा चुनाव अपने चुनाव चिन्ह चश्मे पर नहीं लड़ पाएगी. लगातार दो विधानसभा चुनाव में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद ऐसे हालात पैदा हो गए हैं.
अभय चौटाला ने बताया बकवास
इस बार के विधानसभा चुनाव में इनेलो ने भले ही 2 सीटों पर जीत दर्ज की है पार्टी इलेक्शन कमीशन के चुनाव चिह्न बचाने के 5 नियमों में से किसी एक को भी पूरा नहीं कर पाई है. पार्टी को 6% से कम वोट हासिल हुए हैं जबकि 2019 के विधानसभा चुनाव में मात्र 2.44% वोट मिले थे. वहीं, इस संबंध में अभय चौटाला से बात की गई तो उन्होंने इसे बकवास बताया.
INLD के पास था आखिरी मौका
हरियाणा विधानसभा के स्पेशल सचिव रह चुके रामनारायण यादव ने बताया कि INLD के पास यह आखिरी मौका था. पार्टी चुनाव चिह्न बचाने के लिए चुनाव आयोग के एक्ट 1968 की धारा 6 A और C के तहत दी गई शर्तों को पूरा नहीं कर पाई है.
चुनाव चिह्न बचाने के लिए ये 5 नियम जरूरी
- विधानसभा की 2 सीटों पर जीत के साथ-साथ 6% वोट हासिल करना जरूरी
- 6% वोट या सांसद की सीट पर जीत
- 8% कुल वोट हासिल करना
- 25 सांसद में से एक सांसद
- 3% प्रत्याशी चुनाव चुनावी रण में हो और तीनों जीतकर आए.
वजूद बचाने की लड़ाई
कभी हरियाणा की राजनीति का केंद्र बिंदु रहने वाली चौटाला परिवार की INLD वर्तमान में अपना राजनीतिक वजूद बचाने की लड़ाई लड़ रही थी, लेकिन अब चुनाव चिह्न बचाने की एक और चुनौती से निपटना भी मुश्किल हो गया है. पार्टी को इस बार के विधानसभा चुनाव में 6% वोट चाहिए थे, लेकिन 4.14% वोट ही मिले. ऐसे में यदि चुनाव चिह्न छिनने की बात आई तो पार्टी की मुश्किलें बढ़ना लाजिमी है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!