पानीपत | आज शायद ही दुनिया का कोई ऐसा देश बचा है, जो प्रदूषण की मार नहीं झेल रहा है. ऐसे में प्रदूषण को कम करने के लिए रियूज़, रीसाइकलिंग औऱ रिड्यूस पर ज़ोर दिया जाता है. इन्हीं में से एक रीसाइकलिंग तकनीक का इस्तेमाल करके प्लास्टिक से बनाए गए धागों की बनी जैकेट को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाव से पहनते हैं. हरियाणा के पानीपत में भी ऐसे ही धागे प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकल करके बनाए जाते हैं. यहाँ से बने धागे की बड़े देशों में भी डिमांड रहती है.
प्लास्टिक से बना धागा होता है टिकाऊ
इस बारे में जानकारी देते हुए पानीपत के एक बड़े उद्योगपति राकेश मुंजाल ने बताया कि जिन खाली बोतलों को हम वेस्ट समझ कर बाहर फेंक देते हैं, उनका इस्तेमाल करके प्लास्टिक के धागे बनाए जाते हैं. इस प्रकार बना धागा उत्तम क्वालिटी का तो होता ही है. साथ ही, इससे बने उत्पाद लंबे समय तक टिकते हैं. इससे पर्यावरण तो साफ होता ही है. इसके अलावा, अच्छा खासा मुनाफा भी हो जाता है.
जुराब, शर्ट, शूटिंग- शर्टिंग के कपड़ों में भी इस धागे का इस्तेमाल किया जाता है. पानीपत की हैंडलूम इंडस्ट्री का विदेश में भी डंका बजता है. शहर में इसका इस्तेमाल बेडशीट, बाथ मेट, परदे आदि बनाने में किया जा रहा है. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्लास्टिक के धागे से बनी जैकेट को पहन कर लोगों में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था.
हर रोज हो रहा 20 हजार किलो पेट यार्न का उत्पादन
इस उद्योग में काफी लंबे समय से काम कर रहे हैं उद्योगपतियों का कहना है कि शहर में प्लास्टिक की बोतलों के फाइबर से धागे बनाने की कई यूनिट स्थापित है. एक अनुमान के अनुसार, यहाँ हर रोज करीब 20 हजार किलो पेट यार्न का उत्पादन हो रहा है. यहाँ डॉमेस्टिक मार्केट के अलावा एक्सपोर्ट मार्केट की मांग भी रोजाना बढ़ रही है. आज यह मार्केट 2000 करोड़ रूपए तक पहुंच चुकी है.
उद्योगपति राजेश मुंजाल ने बताया कि यहाँ प्लास्टिक से बने धागों का उत्पादन करके विदेशों में भी बेचा जा रहा है. अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में भी इसे एक्सपोर्ट किया जा रहा है. त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लव देव भी इस जैकेट को पहन कर काफी खुश नजर आए थे.
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