फतेहाबाद | पराली प्रबंधन की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. फतेहाबाद जिले की बात करें, तो यहां इस बार पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के मामलों में कमी आई है क्योंकि इस बार जिले में धान की फसल के अवशेषों (पराली) से सीएनजी, बिजली और खाद बनना शुरू हो जाएगी. फसल अवशेष लेने के लिए अब तक 3 कंपनियों ने कृषि विभाग के जरिए किसानों से सम्पर्क किया है.
भूना पॉवर प्लांट में शुरू हुआ काम
भूना पॉवर प्लांट में 26 बैलर फील्ड में फसल अवशेषों की गांठें बनना शुरू हो चुकी है, जिससे बाद में बिजली बनाई जाएगी. हांसपुर में लगाया जा रहा पराली से सीएनजी व खाद बनाने का प्लांट भी इस बार शुरू हो रहा है. हालांकि, पहले चरण में यह प्लांट सिर्फ एक लाख क्विंटल गांठें ही खरीदेगा.
सुखबीर एग्रो कंपनी किसानों व बैलर संचालकों से 5 लाख क्विंटल गांठें खरीदेगी, जिन्हें भूना स्थित शुगर मिल की जमीन पर स्टॉक किया जाएगा. वहीं, जिले की अन्य कंपनियां फसल अवशेषों की खरीद करने के अलावा बेलर संचालक यहां गांठें बनाकर महेन्द्रगढ़ जिले के प्लांट में भेज रहे हैं. वहां 280 रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से इन्हें बेचा जा रहा है.
सरकार देगी प्रोत्साहन राशि
कृषि विभाग ने जिले में इस सीजन डेढ़ लाख एकड़ में एक्स सीटू यानि फसल अवशेषों की गांठें बनाने का लक्ष्य रखा गया है तथा बाकी करीब 2 लाख एकड़ में इन सीटू यानि अवशेषों को जमीन में ही मिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस बार धान के अवशेषों के प्रबंधन के लिए इस बार डी- कंपोजर का प्रयोग नहीं किया जाएगा, क्योंकि इसमें समय ज्यादा लगता है और रिजल्ट कम रहता है.
कृषि विभाग द्वारा किसानों को 200 बेलर व 2480 सुपर सीडर मशीने सब्सिडी पर दी गई हैं. इनके अलावा, भूना पावर प्लांट के 26 बेलर अपने स्तर पर फसल अवशेषों का प्रबंधन कर रहे हैं. 3 बेलर व अन्य यंत्र कृषि विभाग ने किसानों को प्रति माह किराये के हिसाब से दिए हैं, जो 4,500 एमटी गांठें बनाएंगे. इसके अलावा, फसल अवशेषों का प्रबंधन करने वाले किसानों को विभाग प्रति एकड़ 1,000 रूपए प्रोत्साहन राशि देगा और इसके लिए 4,776 किसानों ने पोर्टल पर आवेदन किया है.
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे! हरियाणा की ताज़ा खबरों के लिए अभी हमारे हरियाणा ताज़ा खबर व्हात्सप्प ग्रुप में जुड़े!