हिसार | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली- NCR, उत्तर प्रदेश, पंजाब और यहाँ तक की हरियाणा भी प्रदूषण की चादर में लिपटा हुआ नजर आ रहा है. यहाँ वायु गुणवत्ता सूचकांक के आंकड़ों से प्रशासन और सरकारों की नींद उड़ी हुई है. तमाम कोशिशों और दावों के बावजूद एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया है और आलम ये हो चुका है कि लोगों को त्वचा संबंधी समस्याएं और सांस लेने में जैसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है.
कृत्रिम बरसात भी पड़ रही नाकाफी
गुरुग्राम का एयर क्वालिटी इंडेक्स ‘ज्यादा खराब श्रेणी’ में पहुंच गया, जिसको सुधारने के लिए कृत्रिम बरसात का भी सहारा लेना पड़ा. प्रदेश के बाकी शहरों के भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं. प्रदूषण को कम करने की दिशा में पानी का भी निरंतर छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन इससे भी कुछ खास फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा. वर्तमान में खासतौर पर देश के उत्तरी राज्यों में रात का तापमान नीचे खिसकने और हवा में नमी बढ़ने के कारण धुआ स्मॉग के रूप में नीचे आ गया है. जो लोग सुबह के समय व्यायाम या घूमने के लिए जा रहे थे, उन्होंने भी अपने रूटीन में बदलाव कर लिया है और जो लोग जा भी रहे हैं, वह मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकल रहे हैं.
सबसे प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर आया गुरुग्राम
इस विषय में जानकारी देते हुए मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि प्रदूषण से होने वाली परेशानियां अभी खत्म होने के आसार नहीं है और आने वाले दिनों में इसी प्रकार के हालात देखने को मिल सकते हैं. प्रदूषण को कम करने के लिए काफी शहरों में स्मॉग गन का इस्तेमाल करके पानी का छिड़काव किया जा रहा है.
वर्तमान समय में हिसार, जींद, पानीपत, यमुनानगर, करनाल और झज्जर में भी इसी प्रक्रिया को अपना कर प्रदूषण को कम करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, यह प्रयास भी नाकाफी साबित हो रहे हैं. देश के सबसे पांच प्रदूषित शहरों की लिस्ट में गुरुग्राम तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है. यहाँ का AQI 302 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है.
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