चंडीगढ़ | हरियाणा में कोविड काल के दौरान जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों के परिजनों को प्रदेश सरकार ने एक्सग्रेशिया ग्रांट राशि प्रदान करने का फैसला लिया है. इसके अलावा, कोविड काल में जान गंवाने वाले लोगों के ऐसे परिजन, जिन्हें अभी तक वित्तीय सहायता नहीं मिली थी, उन्हें भी वित्तीय सहायता का लाभ दिया जाएगा.
सरकार ने योजना में किया संशोधन
सूबे की नायब सैनी सरकार ने इसके लिए योजना में संशोधन किया है. पहले मार्च 2021 के बाद प्रभावित लोगों के परिजनों को एक्सग्रेशिया ग्रांट और वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रविधान था, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे 1 मार्च 2020 से लागू कर दिया है.
हजारों लोगों ने गंवाई थी जान
हरियाणा में कोविड काल के दौरान 10 हजार से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए थे, जबकि कोरोना की दूसरी लहर में 16 विभागों के 250 कर्मचारियों की मौत हुई थी. इनमें हजारों कर्मचारी और लोग ऐसे हैं, जिन्हें कोरोना की पहली लहर के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी थी, लेकिन उनके परिजनों को अभी तक वित्तीय सहायता नहीं मिली है.
सांसदों और विधायकों के माध्यम से राज्य सरकार के पास जब यह समस्या पहुंची, तो मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मानव संसाधन विभाग को योजना का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिये है.
सरकार के विवेक पर निर्भर
एक्सग्रेशिया ग्रांट के तहत नुकसान या दावों के लिए राहत प्रदान करने हेतु अनुग्रह मुआवजे का भुगतान किया जाता है. एक्सग्रेशिया पेमेंट कानून के तहत अनिवार्य नहीं है और यह सरकार के विवेक पर निर्भर करती है. वहीं, ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंप्लाई फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने राज्य सरकार के दिवंगत कर्मचारियों के परिजनों को कम से कम 50-50 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है.
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