गुरुग्राम | हरियाणा में वन विभाग में पिछले 14 साल से कोई भर्ती नहीं हुई है. वन विभाग में कुल 3,809 पदों में से 2,075 पद खाली हैं. सबसे ज्यादा परेशानी वन रक्षकों की है. वन रक्षकों के 1,547 में से 1,012 पद रिक्त हैं. वन विभाग में भर्ती एक वन रक्षक 10-15 गांवों की देखभाल करता है. अवैध अतिक्रमण, कटाई रोकना और वन्यजीवों की रक्षा करना उनका काम है. आखिरी बार हरियाणा वन सेवा के अधिकारियों की भर्ती 2004 में हुई थी और 2010 में वन रेंजरों की नियुक्ति की गई थी.
पूर्व वन संरक्षक (दक्षिण हरियाणा) आरपी बलवान ने कहा कि यह एक गंभीर स्थिति है. हर साल, PCCF (प्रधान मुख्य वन संरक्षक) अनुरोध करते रहे हैं, मगर कुछ भी नहीं हुआ है. मेरे कार्यकाल के दौरान, दक्षिण हरियाणा में 280 वन रक्षक थे. जब मैं रिटायर हो रहा था, तब सिर्फ 100 थे. यह 2005 की बात है. उस समय भी, 60-70% पद रिक्त थे. अभी भी स्थिति नहीं बदली है. यह विभाग के समग्र कामकाज पर प्रभाव डालता है.
2 दशकों से नहीं हुई अधिकारियों की भर्ती
रिक्तियों के बारे में पूछे जाने पर इस साल की शुरुआत में रिटायर हुए एक वरिष्ठ वन अधिकारी ने बताया कि 25 साल पहले भर्ती अभियान अलग हुआ करते थे. डीएफो अपने दम पर गार्ड और जूनियर स्टाफ रख सकते थे, लेकिन धीरे- धीरे भर्ती हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में चली गई. पहले, जाति के आधार पर भर्ती होती थी. जैसे ही वह बदल गया, सरकार को अब कोई दिलचस्पी नहीं रही. उन्होंने कहा कि दो दशकों से अधिकारियों की भर्ती नहीं करने से विभाग का पूरा कार्यबल क्षतिग्रस्त हो चुका है.
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