हरियाणा में और ज्यादा बेहतर होगी स्वास्थ्य सेवाएं, जल्द शुरू होगा 750 बेड का सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल

करनाल | हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास हो रहे हैं. इसी कड़ी में करनाल स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेडिकल यूनिवर्सिटी में बनकर तैयार हुआ सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से उत्तर भारत के मरीजों को अत्याधुनिक मेडिकल सेवाओं का लाभ मिलेगा. 750 बेड के इस हॉस्पिटल में मरीजों को केंसर, हार्ट सर्जरी, किडनी ट्रांसप्लांट जैसी मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी.

Hospital Doctor

6 महीने के भीतर शुरू हो जाएगी सुविधाएं

इस हॉस्पिटल के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी में डायरेक्टर, डॉक्टर, प्रोफेसर व अन्य मेडिकल स्टाफ की भर्ती के लिए प्रकिया शुरू हो चुकी है. वहीं, 580 करोड़ रूपए के बायो मेडिकल उपकरण की खरीद का एस्टीमेट भेजा जा चुका है. जैसे- जैसे उपकरण और स्टाफ आता रहेगा, वैसे- वैसे हॉस्पिटल ऑपरेशनल होता रहेगा. यहां मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध होने पर करनाल, पानीपत, कुरूक्षेत्र और यमुनानगर जिले के लोगों को उपचार के लिए चंडीगढ़ तथा रोहतक पीजीआई की ओर जाने की आवश्यकता नहीं होगी.

भर्ती प्रक्रिया शुरू

करनाल स्थित कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर मोहिंद्र गर्ग ने बताया कि यूनिवर्सिटी का सिविल वर्क कंपलीट हो चुका है और बिल्डिंग निर्माण कार्य को फाइनल टच दिया जा रहा है. डायरेक्टर, डॉक्टर समेत कई अन्य पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वहीं, 526 करोड़ रूपए के बायो मेडिकल उपकरण का एस्टीमेट दिया जा चुका है.

उन्होंने बताया कि 750 बेड के इस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 580 नार्मल वार्ड और 170 बेड का ICU है. जिसके अंदर किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट सर्जरी, कैंसर सर्जरी, किडनी का डायलिसिस, नेफ्रोलॉजी, एनजीओ ग्राफिक्स, एनजीओ प्लाजिस जैसे 23 डिपार्टमेंट हॉस्पिटल में होंगे.

कैंसर मरीजों के लिए रेडियो थेरेपी

डॉ. गर्ग ने बताया कि हॉस्पिटल वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी से लैस है. जैसे करनाल में रेडियो थेरेपी नहीं है, लेकिन यूनिवर्सिटी में वह रेडिया थेरेपी डिपार्टमेंट भी है. चूंकि कैंसर के इलाज में रेडियो थेरेपी की जरूरत पड़ती है, वह भी यहां उपलब्ध है. हॉस्पिटल में 17 मॉर्डन ओटी भी होंगी. वहीं बात करें, ट्रामा सेंटर की तो यहां पर 50 बेड की मॉडर्न ओटी मरीजों के लिए होगी.

डाक्टरों की कमी से मिलेगा छुटकारा

मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर मोहिंद्र गर्ग ने बताया कि आज प्रदेश के अस्पतालों में डाक्टरों की भारी कमी है. उन्होंने दावा किया कि यूनिवर्सिटी बनने के बाद प्रत्येक वर्ष यूनिवर्सिटी से 100 डाक्टर निकलेंगे. ऐसे में अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को पूरा किया जा सकेगा और मरीजों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होगी. मेडिकल यूनिवर्सिटी की इमारत दो चरणों में बनेगी. अभी पहले चरण में नर्सिंग कॉलेज, साइकोलॉजी कॉलेज, फिजियोथेरेपी डिपार्टमेंट, आरडीए होस्टल, गर्ल्स, ब्वायज होस्टल, अस्पताल की बिल्डिंग, एडमिन ब्लॉक, एनिमल हाउस, धर्मशाला, लाईब्रेरी ब्लाक, लेक्चर हॉल शामिल है.

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