चंडीगढ़ । हरियाणा में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. बड़ी संख्या में कोरोना के नए मामले पाए जा रहे हैं. प्रदेश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने 30 अप्रैल तक पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया है, परंतु निजी स्कूल संचालक स्कूलों को बंद करने के फैसले का विरोध कर रहे हैं. निजी स्कूल एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार के इस निर्णय को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है. कई निजी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं और अभी भी स्कूलों को खोल रहे हैं.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन भिवानी का फाइल फोटो ।
निजी स्कूल एजुकेशन हरियाणा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों को बंद करने के फैसले का पुरजोर विरोध किया है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में निजी स्कूल एसोसिएशन ने स्कूलों को खोले रखने की दलील दी है.
निजी स्कूल एसोसिएशन के अनुसार दोबारा से स्कूल बंद करने का निर्णय बिल्कुल गलत है. सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ अन्य सभी चीजें खुली हुई है. हरिद्वार में कुंभ और बंगाल में चुनाव हो रहा है. निजी स्कूल एसोसिएशन ने कहा कि बंगाल में राजनीतिक सभाएं की जा रही है. हर चीज खुली हुई है लेकिन स्कूलों को ही बंद किया जा रहा है. एसोसिएशन द्वारा प्रश्न किया गया है कि क्या अब स्कूल के बच्चे ही करोना को फैला रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई के बारे में एसोसिएशन ने कहा कि गरीब बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई करने में असमर्थ है.
एसोसिएशन ने हरियाणा सरकार और निजी स्कूल संचालकों के लिए बीच का रास्ता निकालने का सुझाव दिया है. एसोसिएशन ने मांग की है कि 50 फ़ीसदी बच्चों के साथ स्कूल खोलने की इजाजत दी जाए. एसोसिएशन ने कहा कि हमें किसी प्रकार की राजनीति नहीं चाहिए, हमें केवल समाधान चाहिये, सरकार हमें अपनी बात समझाएं. हम सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों को मानने के लिए तैयार हैं. पढ़ाई के लिए अलग से SOP निर्धारित की जाए.
एसोसिएशन ने दी चेतावनी
एसोसिएशन के अनुसार विदेशों में अध्यापकों को कोरोना वॉरियर्स समझा गया है. खड़ी बसों के पीरियड को अकाउंट ना किया जाए. इसके साथ ही एसोसिएशन ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम 5 करोड़ हैं, यदि सड़क पर आ गए तो सरकार को बहुत मुश्किल हो जाएगी.
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