चंडीगढ़ | हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने हरियाणा कृषि भूमि पट्टा विधेयक सदन में रखा, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया. बिल पर चर्चा के दौरान विपुल गोयल ने कहा कि कृषि भूमि को पट्टे पर देने की मान्यता के लिए एक तंत्र बनाने, कृषि भूमि को पट्टे पर देने की अनुमति देने, उसे सुगम बनाने, भूमि स्वामियों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए यह कानून बेहद जरूरी था.
किसानों को मिलेंगे ये फायदे
इस विधेयक के पारित होने पर पट्टे (ठेके) की जमीन पर खेती करने वाले किसानों को फसल पर लोन लेने की सुविधा मिलेगी. यदि ठेके की जमीन पर लगी फसल अगर प्राकृतिक आपदा के कारण खराब होती है, तो सरकार या बीमा कंपनी की ओर से मुआवजा भू- मालिक की जगह पट्टेदार को दिया जाएगा. गिरदावरी में पट्टेदार किसान को भू-मालिक नहीं दिखाकर अलग कालम में पट्टेदार ही दिखाया जाएगा, जिससे भविष्य में विवाद की कोई गुंजाइश भी नहीं रहेगी.
सूबे की नायब सैनी सरकार ने दावा करते हुए कहा कि इस कानून से भूमि संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल होगा और पट्टाकर्ता तथा पट्टेदार दोनों के हितों की रक्षा हो सकेगी. सरकार इस पर काफी दिनों से काम कर रही थी और कई बैठकों के बाद सरकार ने अब इसे अंतिम रूप दे दिया है. इससे राज्य के कई लाख छोटे किसानों को काफी बड़ी राहत मिलेगी.
किसान संगठन कर रहे थे मांग
जब भी प्राकृतिक आपदा से फसल में नुकसान होता था तो केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मिलने वाली राहत पट्टे पर खेती करने वाले किसानों को नहीं मिलती थी. वहीं, पट्टेदार फसल ऋण भी नहीं ले पाता है. इन सभी जरूरतों को देखते हुए इसके लिए कानून लाना जरूरी हो गया था. यह कानून दोनों के हितों को रक्षा प्रदान करेगा. कई किसान संगठन इस पर कानून बनाने को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे थे, जो अब पूरी हो गई है.
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