फरीदाबाद | हरियाणा में धान उत्पादक किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. बल्लभगढ़ मंडी में धान लेकर पहुंचे डींग गांव के किसान ने बताया कि बासमती चावल (Basmati Rice) धान की कीमतों में गिरावट और फसल उत्पादन में गिरावट के चलते किसान दोहरी परेशानी झेल रहे हैं. इस साल न तो उम्मीद के मुताबिक पैदावार रही और फिर मंडियों में भी उचित भाव नहीं मिल रहा है.
पैदावार में भारी गिरावट
डींग गांव निवासी किसान ने बताया कि इस बार बासमती धान की पैदावार में 30 से 40% तक की गिरावट दर्ज हुई है. उन्होंने बताया कि मैंने 40 एकड़ जमीन पर धान की खेती की थी लेकिन पैदावार बहुत कम रही है. पैदावार अच्छी होती तो मोटा मुनाफा हो जाता, लेकिन इस बार घाटा उठाना पड़ रहा है.
भाव में भी भारी गिरावट
बासमती धान की कीमतों में गिरावट से भी किसानों में मायूसी छाई हुई है. इस बार बासमती धान 1509 का रेट 2,500- 2,800 रुपये प्रति क्विंटल और 1121 धान का रेट 4,000- 4,200 रुपये प्रति क्विंटल मिल रहा है, जो पिछले साल से 1 हजार रूपए तक कम है. लागत के हिसाब से देखें तो इस बार खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है.
लागत और मुनाफे की स्थिति
उन्होंने बताया कि चार महीने के भीतर बासमती धान की फसल तैयार होती है. लेकिन लागत के मुकाबले मुनाफा बहुत ही कम है. किसानों को मुनाफा तभी होगा, जब 1509 किस्म का भाव 3,500 रूपए और 1121 किस्म का भाव 5,000 हजार रूपए प्रति क्विंटल हो. वर्तमान के भाव से मुनाफा तो दूर की बात, लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.
किसानों की मांग
मंडी में धान की फसल लेकर पहुंचे किसानों ने मांग करते हुए कहा कि सरकार फसलों का उचित रेट निर्धारित करें, ताकि उनकी मेहनत का सही मूल्य मिले. फसलों के उचित भाव मिलेंगे, तो ही किसान घाटे से उभर सकते हैं. वरना धीरे- धीरे खेती से मोह भंग होता चला जाएगा.
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