चंडीगढ़ | हरियाणा में 1 दिसंबर 2024 से नए कलेक्टर रेट लागू हो जाएंगे. प्रदेश के रेवेन्यू विभाग की ओर से ये आदेश जारी किया गया है. इन आदेशों की प्रति प्रदेश के सभी मंडल के कमिश्नर और उपायुक्त को भेज दी गई हैं. ऐसे में अब राज्य में जमीनों की रजिस्ट्री नए कलेक्टर रेट के अनुसार होगी, जो 15- 20% तक बढ़ने के आसार हैं.
चुनाव की वजह से हुई देरी
हरियाणा में नए कलेक्टर रेट अप्रैल में लागू किए जाने थे लेकिन पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव के चलते लगी आदर्श आचार संहिता की वजह से कलेक्टर रेट बढ़ाने के आदेशों को सीएम नायब सैनी ने स्थगित कर दिया था. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बाद अब फिर से कलेक्टर रेट लागू किए जाने का फैसला लिया गया है.
NCR में 20% बढ़ोतरी का प्रस्ताव
हरियाणा में सबसे ज्यादा कलेक्टर रेट बढ़ाने का प्रस्ताव NCR में शामिल जिलों गुरुग्राम, रोहतक, फरीदाबाद, बहादुरगढ़, पलवल, सोनीपत, पानीपत और करनाल से आया है. सभी स्थानीय जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर रेट में 20% तक बढ़ोतरी के प्रस्ताव भेजे गए हैं. इन जिलों के एनसीआर में आने के चलते राज्य और केंद्र सरकार यहां इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर काम कर रही है.
आमजन की जेब पर पड़ेगा बोझ
पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर ने अपने शासनकाल के दौरान कलेक्टर रेट बढ़ाने के लिए जिलों में मार्केट वैल्यू का पता लगाने के निर्देश दिए थे. इस पर जिला उपायुक्तों ने कलेक्टर रेट के संबंध में सर्वे कर मार्केट वैल्यू के अनुसार रेट तय किए. इस बढ़ोतरी से प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन आम आदमी की जेब पर अतिरिक्त बोझ भी पड़ेगा.
जमीन की खरीद- फरोख्त पर असर
कलेक्टर रेट में बढ़ोत्तरी से जमीनों की खरीद फरोख्त पर असर पड़ेगा, क्योंकि अलग- अलग जगहों पर स्थानीय स्थिति और मार्केट रिसर्च के आधार पर वैल्यू कमेटी अपनी रिपोर्ट देती है और फिर रेट बढ़ाने का फैसला लिया जाता है. कलेक्टर रेट तय होने के बाद उससे कम कीमत में जमीन की रजिस्ट्री नहीं होती है.
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