ज्योतिष डेस्क | शनि की साढ़ेसाती का नाम सुनते ही लोगों के मन में एक भय सा उत्पन्न हो जाता है. अधिकतर लोग शनि की दशा को खराब ही मानते हैं, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है कि शनि हमेशा बुरे फल ही दे. कहा जाता है कि शनि लोगों को कर्मों के अनुसार फल देता है. मतलब है कि यदि व्यक्ति अच्छे कर्म करता है, तो उसको अच्छे फल मिलते हैं .
जानिए मीन राशि में शुरू होने वाली साढ़ेसाती के बारे में
वर्तमान में शनि मकर राशि में गोचर है. 29 अप्रैल 2022 में शुक्रवार के दिन 12:00 बजे ये कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे. और फिर इसी साल 12 जुलाई को शनि फिर से मकर राशि में वापसी कर लेंगे. ऐसा शनि की राशि परिवर्तन होने के कारण नहीं होगा, बल्कि शनि के वक्री होने के कारण होगा. जैसे ही शनि वक्री होते हैं धीमी गति से मकर राशि में फिर से प्रवेश कर पाएंगे. 17 जनवरी 2023 तक इसी राशि में रहेंगे.
इसके बाद दोबारा फिर कुंभ राशि में आ जाएंगे. शनि के 2022 में 29 अप्रैल को कुंभ राशि में प्रवेश करते ही धनु वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी. वही मीन राशि वालों पर शनि साढ़ेसाती का पहला चरण इसी दिन से शुरू होगा. जिससे कि इस राशि के जातकों के कार्यों में समस्याएं पैदा होने लग जाएगी .
शनि के बुरे प्रभाव से बचने के उपाय
अगर आप शनि के बुरे प्रभाव से बचना चाहते हैं तो आपको हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनि परेशान नहीं करते. आप सुंदरकांड का पाठ करके भी शनि से मिलने वाले कष्टो को कम कर सकते हैं. शनि के बीज मंत्र का जप करने और शनि स्त्रोत का पाठ करने से लाभ मिलता है. शनि की साढ़ेसाती के दौरान मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः का 108 बार जाप अवश्य करना चाहिए.
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