कैथल | खेल मैदान में हरियाणा के खिलाड़ियों की बादशाहत के चर्चे देश- विदेश में यूं ही नहीं होते हैं. यहां के छोरे ही नहीं बल्कि छोरियां भी अपनी मेहनत और सच्ची लगन के दम पर सफलता के नए आयाम स्थापित कर रही है. ऐसा ही एक उदाहरण कैथल जिले के गांव मानस की बेटियां पेश कर रही है, जो फुटबॉल (Football) से कामयाबी की किक लगा रही है.
ग्राम पंचायत ने दिया भरपूर सहयोग
गांव में खेल सुविधाओं का अभाव था लेकिन बेटियों ने हार नहीं मानी. सरकार और खेल विभाग से निराशा हाथ लगी, तो ग्राम पंचायत ने कदम आगे बढ़ाए. स्कूल के छोटे से ग्राउंड में खेलते- खेलते जब बेटियां मेडल जीतने लगी, तो ग्राम पंचायत ने 8 एकड़ जमीन पर स्टेडियम बनवा दिया. आज इस स्टेडियम में फुटबॉल के साथ- साथ अन्य खेलों के खिलाड़ी भी अभ्यास करते हैं.
मौजूदा वक्त में गांव की करीब 70 लड़कियां फुटबॉल खेल रही है. इनमें से 50 से ज्यादा लड़कियां नेशनल लेवल और बाकी स्टेट लेवल प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है. एक सप्ताह पहले जम्मू- कश्मीर में आयोजित हुई U- 17 राष्ट्रीय स्कूली फुटबॉल स्पर्धा में गांव की बेटी खुशी हरियाणा की टीम में खेली थी और हरियाणा ने इस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल हासिल किया था.
एक दर्जन से ज्यादा सरकारी नौकरी
एक दर्जन से ज्यादा फुटबॉल खेलने वाली लड़कियां इसी साल ग्रुप D की नौकरी हासिल कर चुकी हैं. ऐसे में बेटियों को मेडल के साथ रोजगार भी मिल रहा है. इसके अलावा मेडल जीतने पर सरकार की ओर से नकद ईनाम या अन्य प्रकार की आर्थिक सहायता दी जा रही है. साल 2020 में गुवाहाटी में आयोजित हुई खेलों इंडिया प्रतियोगिता में गांव की 10 बेटियों ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था.
गांव में फुटबॉल की नर्सरी
गांव में आज लड़कियों के लिए फुटबॉल की खेल नर्सरी चल रही है. यहां कोच सचिन कुमार के मार्गदर्शन में लड़कियां अभ्यास करती है. उनके इस काम में गांव के सरपंच करमबीर भी सहयोग करते हुए जरूरतमंद खिलाड़ियों का खर्च उठा रहे हैं. यहां लड़कियों की उम्र के हिसाब से चार ग्रुप U- 14, U- 17, U- 19 और ओपन ग्रुप बनाए हुए हैं. आज इस गांव में फुटबॉल को लेकर लड़कियों में जबरदस्त क्रेज बना हुआ है और 100 के करीब बेटियां खेल मैदान में पसीना बहा रही है.
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